रोहतक: राबर्ट वाड्रा-डीएलएफ के जमीन सौदों में हरियाणा के शहर और ग्राम नियोजन विभाग की भूमिका पर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा सवाल उठाये जाने के मद्देनजर मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आज कहा कि उनकी सरकार ने किसी पक्ष की कोई तरफदारी नहीं की. हुड्डा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने किसी पक्ष की कोई तरफदारी नहीं की. मुख्य सचिव (पी के चौधरी) मामले को देख रहे हैं और वह इसका अध्ययन कर रहे हैं.’’
खेमका ने आरोप लगाया है कि वाड्रा ने गुड़गांव में 3.53 एकड़ जमीन के लिए दस्तावेजों में हेरफेर की और एक कमर्शियल कॉलोनी के लाइसेंस पर भारी-भरकम राशि जेब में रखी.समझा जाता है कि आईएएस अधिकारी खेमका ने वाड्रा-डीएलएफ सौदे के मामले में अध्ययन के लिए पिछले साल अक्तूबर में गठित हरियाणा सरकार के तीन सदस्यीय जांच आयोग को दिये अपने विस्तृत जवाब में आरोप लगाया है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद वाड्रा ने गुड़गांव के शिकोहपुर गांव में 3.53 एकड़ जमीन के लिए सिलसिलेवार फर्जी लेन-देन किये.