पटना: बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की ओर से कालिदास रंगालय में आदिवासी अधिकार सम्मेलन हुआ. उद्घाटन ग्रामीण कार्य मंत्री डॉ भीम सिंह ने किया. उन्होंने कहा कि बिहार का आदिवासी समाज अपने हक के लिए अन्य राज्यों की तुलना में अधिक संगठित है, यह सराहनीय है.आदिवासियों पर अत्याचार न हो. इसके सरकार ने राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग गठित किया है.
आदिवासी देश के मूलवासी कहलाते हैं. इसलिए उनकी समस्याओं के समाधान में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ट नारायण सिंह ने कहा कि बिहार में विनम्र बने रहकर आदिवासियों की संगठित लड़ाई से आदिवासी राजनीति को दिशा मिल गयी है.
आदिवासी परिवार के बच्चों को स्कूल में भेजने की गारंटी के लिए भी आदिवासी अधिकार फोरम को पहल करनी चाहिए. फोरम के संरक्षक डॉ प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि सहकारी संगठन पैक्स में आदिवासी आरक्षण 75 प्रतिशत उपस्थिति वाले सभी छात्रों को छात्रवृत्ति एवं आदिवासी विकास के लिए बजट में स्वतंत्र कोड लागू किया जाना सराहनीय है. मौके पर विधान पार्षद रुदल राय, झूलन गोंड, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य प्रसाद सरकार उपस्थित थे. अध्यक्षता डॉ सुजाता सुम्ब्रई ने की.