जहानाबाद : सावन आया तो पूरे रौ में आ गये शिव कुमार. सहृदय, स्नेहिल और भक्ति–भाव से ओत–प्रोत. भगवान भोलेनाथ की आराधना करने बाबा की नगरी (देवघर) जाने को वे बुधवार को यहां से रवाना हुए. खास बात यह रही कि शहरी क्षेत्र के धनगावां के इस नौजवान ने कांवर रूपी सजायी गयी बहंगी में अपनी वृद्ध मां को बिठाया है.
बोल बम की झंकृत और स्फूर्त कर देनेवाली ध्वनि के साथ गांव के सैकड़ो लोगों ने उन्हें इस कठिन यात्रा के लिए विदा किया. शिव कुमार के बारे में बताया गया कि वह आज के जमाने का श्रवण कुमार है, जिसने अपनी अंधी और लाचार बूढ़ी मां (80 वर्षीया विधवा) को बाबा धाम की यात्रा हर साल कराने का संकल्प लिया है. बहंगी के एक छोर में अपनी मां को बिठा कर दूसरी छोर में उसने माताजी के वजन के बराबर की शिवलिंग स्थापित कर रखी है.
गांववालों की मानें तो वह गत चार वर्षो से लगातार महादेव के दर्शन–पूजन को सावन में देवघर जाता रहा है. अब तक अविवाहित शिवकुमार फिलहाल पटना में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करता है. तीन भाइयों में सबसे छोटे इस नौजवान के बारे में कहा गया कि वह बचपन से ही सरल स्वभाव और धार्मिक प्रवृत्ति का है. पिता की मृत्यु के बाद मां के प्रति और भी अधिक भावुक हो गया. अपनी मां से उसे असीम प्यार है.