रायपुर: छत्तीसगढ़ में इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला नागरिक सहकारी बैंक घोटाले की सीडी को लेकर चल रहे विवाद के बीच बैंक के मैनेजर ने दावा किया है कि उन्होंने मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके सहयोगियों को कोई रिश्वत नहीं दी. इधर कांग्रेस ने इस मामले में पुलिस पर आरोप लगाया है कि वह मैनेजर पर दबाव डाल रही है.
राजधानी रायपुर में एक स्थानीय समाचार चैनल को दिए बयान में सहकारी बैंक के पूर्व मैनेजर और इस घोटाले के मुख्य आरोपी उमेश सिन्हा ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के साथियों को रिश्वत नहीं दी. सिन्हा ने कहा कि जब उनका नार्को टेस्ट किया गया तब वह बेहोश थे और उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि उस दौरान उन्होंने क्या कहा था.
उन्होंने कहा कि उन पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डाला गया है और वह इस दौरान धार्मिक यात्र पर थे. जब उन्हें घटना की जानकारी मिली तब वह मीडिया में आकर अपना बयान दे रहे हैं. हालांकि, बाद में जब उमेश सिन्हा से अन्य संवाददाताओं ने मिलने की कोशिश की तब उनसे मुलाकात नहीं हो सकी.