शेखपुरा : जमीन से हजार फीट ऊंची गिरिहिंडा पहाड़ की चोटी पर भगवान भोले की आस्था में डूबे श्रद्धालु अपनी मन्नतों के लिए देर शाम जमघट लगाते है. इस प्राचीन शिव मंदिर में श्रद्धालु मंदिर की साफ –सफाई व सजावट के बाद आरती में शामिल होकर अपनी मुरादों के लिए भगवान शिव की कृपा प्राप्त करते हैं. श्रावणी के दौरान शहर व दूर से आनेवाले श्रद्धालुओं का सुबह से ही तांता लगा रहता है. इसके साथ ही श्रद्धालुओं की एक टोली देर शाम आरती और बाबा शंकर की जयकारा में सरोबोर हो जाती है.
अव्यवस्था से बढ़ी परेशानी
इस श्रावणी मेले में गिरिहिंडा पहाड़ पर अव्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. शिव भक्त जोखिम उठा कर अपनी मन्नतें पूरी करने को विवश है. स्थानीय समाजसेवी पिंटू कुमार, गौतम यादव, बालक यादव, ऋषि कुमार ने बताया कि प्रत्येक वर्ष आपसी सहयोग से श्रावण मेले के दौरान गिरिहिंडा पहाड़ पर रोशनी की व्यवस्था की जाती थी. परंतु, इस वर्ष की गयी सरकारी व्यवस्था काफी लचर है.
पड़ोसी जिला लखीसराय के संवेदक के द्वारा राशि भुगतान नहीं किये जाने के कारण टेंट व्यवस्था से भी अपने हाथ खड़ा करने को विवश है. श्रद्धालुओं ने बताया कि समुचित व्यवस्था के अभाव में श्रद्धालु आगमन वाले रास्ते पर रोशनी के अभाव में अहले सुबह श्रद्धालु अंधेरे में ही मंदिर जाने को विवश है.
इसके साथ ही गिरिहिंडा पहाड़ पर जाने वाले सड़क मार्ग की चौड़ीकरण कार्य के लिए की गयी खुदाई एवं सड़कों पर बिखरे पत्थर के टुकड़े जानलेवा बना है. संवेदक की मनमानी के कारण शारीरिक रूप से सीढ़ी चढ़ने में अक्षम श्रद्धालु सड़क मार्ग से पहाड़ पर चढ़ने में खौफ खा रहे है.