धनबाद: केवल याद करने से हम चीजों को भूल जाते हैं, अगर देखते, समझते व प्रयोग करते हैं तो हम उसे नहीं भूलते. विज्ञान में प्रयोग जरूरी होता है. ये बातें सिंफर निदेशक डॉ अमलेंदु सिन्हा ने कही. वह शुक्रवार को इंस्पायर अवार्ड स्कीम 2013 के तहत हुई विज्ञान प्रदर्शनी के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि जरूरी नहीं कि शहर के किसी बड़े स्कूल में पढ़ें, गांव के छोटू स्कूल में भी पढ़ कर वैज्ञानिक सोच पैदा की जा सकती है. हमारी संस्था उनकी मदद जरूर करेगी. विज्ञान को हर स्तर में सोचिए, कार सोचते हैं तो ट्रैक्टर भी सोचिए.
देश को नये कलाम की जरूरत है : विशिष्ट अतिथि एडीएम (विधि व्यवस्था) बीपीएल दास ने कहा कि देश को नये कलाम की जरूरत है. नये वैज्ञानिक सोच की जरूरत है. हर क्षेत्र में संभावनाएं हैं, स्टूडेंट्स हर तरफ सोचें.
बैलगाड़ी भी रहे और हम चांद पर भी जायें : विशिष्ट अतिथि एसडीएम डॉ लाल मोहन महतो ने कहा कि वैज्ञानिक सोच जरूरी है, पर ऐसा भी न हो कि इलेक्ट्रॉनिक कचरा की भरमार हो जाये. अनुसंधान ग्रामीण क्षेत्र एवं वहां रहने लोगों के विकास के लिए जरूरी है. ऐसा हो कि बैलगाड़ी भी जिंदा रहे और हम चांद पर भी जायें.
सुविधा बढ़ी, मौलिक ज्ञान शून्य : बीआइटी सिंदरी के डॉ घनश्याम ने कहा कि बच्चों की प्रतिभा का मैं कायल हो गया. गुदड़ी में भी लाल होता है. आज सुविधाएं बढ़ गयी और मौलिक ज्ञान शून्य हो गया.
वैज्ञानिक सोच विकसित करें : डीइओ धर्म देव राय ने कहा कि वैज्ञानिक सोच विकसित करना हमारी वैधानिक प्रतिबद्धता है. अगर ये शुरुआत स्कूल स्तर से हो तो हमें काफी कुछ देखने को मिलेगा.
19 से 21 तक रांची में प्रदर्शनी : रांची में 19- 21 अगस्त को राज्यस्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी होगी. इस दौरान विशिष्ट अतिथि डॉ डीडी त्रिपाठी भी मौजूद थे. इस दौरान राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयनित सभी 36 प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया. मंच का संचालन शिक्षक किशोर सिंह ने किया.मौके पर डिप्टी डीएसइ एमके पांडेय व रजनी सिन्हा आदि मौजूद थे.