भागलपुर: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में होने वाली कार्रवाई को कर्मचारी गंभीरता से नहीं लेते हैं. मनरेगा के कार्यो की जांच के बाद जिला मुख्यालय से पूछे गये स्पष्टीकरण का समय पर जवाब देना कर्मचारी उचित नहीं समझते हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो स्पष्टीकरण को लेकर कर्मचारियों की गंभीरता स्वत: सामने आ जाती है.
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण की ओर से कुल 407 मनरेगा कर्मचारियों व मुखिया से स्पष्टीकरण पूछा गया है, लेकिन अब तक मात्र 112 ने ही अपना जवाब दिया है.
कर्मचारियों से पूछे गये स्पष्टीकरण को करीब एक माह से ज्यादा का समय बीत चुका है. पदाधिकारियों ने कहा कि स्पष्टीकरण नहीं समर्पित करने वाले कर्मचारियों को पुन: स्मारित किया जा रहा है. उप विकास आयुक्त राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने बताया कि स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी. अब तक स्पष्टीकरण समर्पित नहीं करने वाले कर्मचारियों को एक सप्ताह का समय दिया गया है. यदि इसके बाद भी जवाब नहीं सौंपा तो उनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए अनुबंध तक रद्द करने की अनुशंसा विभाग से की जायेगी.