* निर्मल भारत योजना के तहत हर बीपीएल व एपीएल के घरो में बनेगा शौचालय
सीवान : निर्मल भारत अभियान के तहत जिले के गांवो में अब शौचालयों के अभाव में लोग खुले में शौच नहीं करेंगे. सरकार व स्थानीय पंचायत मिल कर गांवों के प्रत्येक घरों में शौचालयों के निर्माण के लिए 10 हजार रुपये की सहयोग राशि देने जा रही है.
अब निर्मल भारत योजना के तहत गांव के सभी बीपीएल व एपीएल परिवार को अपनी जमीन पर शौचालय निर्माण के लिए संपूर्ण स्वच्छता अभियान व मनरेगा के सहयोग से 10 हजार रुपये की लागत से शौचालयों का निर्माण कराया जायेगा. पिछली 23 जुलाई को राज्य मंत्रिमंडल ने इसकी मंजूरी दे दी है.
राज्य के प्रत्येक लाभुक परिवार को नौ हजार एक सौ रुपये शौचायल निर्माण के लिए सरकार की ओर से सहयोग में दिये जायेंगे. वहीं लाभुकों को अपनी तरफ से नौ सौ रुपये का अंशदान स्वयं करना होगा. गौरतलब हो कि पहले शौचालयों के निर्माण के लिए सरकार से चार हजार छह सौ रुपये का सहयोग मिलता था और लाभुक अपनी तरफ से नौ सौ रुपये लगाते थे. लेकिन महंगाई के इस दौर में 55 सौ रुपये में शौचालयं का निर्माण नहीं हो पा रहा है.
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के आग्रह पर सरकार ने सहयोग राशि बढ़ाने का निर्णय किया है. डीआरडीए व पीएचइडी के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नयी व्यवस्था के अनुसार चार हजार छह सौ रुपये सरकार देगी, चार हजार पांच सौ रुपये मनरेगा योजना से मिलेंगे और लाभुक का अंशदान नौ सौ रुपये होगा, कुल 10 हजार की लागत से गरीबों के घरों में शौचालय का निर्माण किया जायेगा. डीआरडीए से मिली जानकारी के अनुसार मनरेगा योजना से मिलने वाली सहयोग राशि प्रखंड विकास पदाधिकारी की अनुशंसा पर स्थानीय पंचायत के द्वारा लाभुक को दी जायेगी.
* चार हजार छह सौ रुपये मिलेंगे संपूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत
* मनरेगा योजना से मिलेंगे चार हजार पांच सौ रुपये
* लाभुको को करना होगा नौ सौ रुपये का अंशदान
* क्या कहते हैं अधिकारी
देखिए, पहले शौचालय निर्माण के लिए जो राशि मिलती थी, वह काफी कम थी, जिस कारण योजना लक्ष्य के अनुरूप सफल नहीं हो पा रही थी. निर्मल भारत योजना को सफल बनाने के लिए सरकार ने नयी व्यवस्था लागू कर दी है. अब एक शौचालय के निर्माण पर सरकार के द्वारा लाभुकों नौ हजार एक सौ रुपये की सहयोग राशि देने का प्रावधान किया गया है. नयी व्यवस्था के तहत जल्द ही जिले में शौचालयों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा.
राकेश कुमार, डीडीसी, सीवान