मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर जंकशन स्थित स्टैंड में तोड़फोड़ व कर्मियों के साथ मारपीट की घटना को अंजाम देकर एमआइटी के छात्र एक बार फिर विवादों में हैं. यह पहला मौका नहीं है जब एमआइटी के छात्र बाहरी लोगों के साथ मारपीट की घटना में शामिल हुए हैं. इससे पूर्व भी वे छोटी-छोटी बातों को लेकर सब्जी दुकानों में तोड़फोड़, जूता-चप्पल दुकानदारों से मारपीट, होटलों पर हमला, एटीएम से पैसे निकालने के दौरान विवाद होने पर मारपीट की घटना को अंजाम दे चुके हैं.
कई बार यह विवाद काफी वृहद रूप भी ले चुका है. पिछले वर्ष लक्ष्मी चौक पर छात्रओं के साथ छेड़खानी का विरोध करने पर एमआइटी के सैकड़ों छात्रों ने अधिवक्ता राजकमल के घर पर हमला कर दिया था. इस दौरान गोलियां भी चलायी गयी. हालांकि कोई हताहत नहीं हो सका. इस मामले में अधिवक्ता ने छात्रों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था.
छेड़खानी के ही एक अन्य मामले को लेकर एमआइटी के छात्रों ने लक्ष्मीचौक के युवकों के साथ मारपीट की. इसके विरोध में सैकड़ों की संख्या में मोहल्ले के लोग एमआइटी के गेट को तोड़ कर कैंपस में घुस गये थे. पर पुलिस की सक्रियता के कारण कोई अप्रिय घटना नहीं हो सकी थी. एमआइटी के छात्र बाहरी लोगों से ही नहीं, बल्कि समय-समय पर आपस में भी भिड़ते रहे हैं. गत छह दिसंबर को बीटेक के प्रथम वर्ष के छात्रों के दो गुटों के बीच विवाद हुआ था. इस दौरान एक गुट के छात्रों ने चलती कक्षा में दूसरे गुट के छात्रों पर हमला कर दिया था. एमआइटी के हॉस्टलों में फाइलम (जाति आधारित गुट) के बीच विवाद हमेशा चर्चाओं में रहा है. कई बार इसको लेकर हॉस्टल में मारपीट भी हो चुकी है.
54 छात्रों के प्रमाण पत्र पर रोक
तत्कालीन एडीजी मुजफ्फरपुर प्रक्षेत्र गुप्तेश्वर पांडेय ने गत दिसंबर माह में एसएसपी को एमआइटी के छात्रों के उपद्रव से तंग आकर उपद्रवी छात्रों का नाम गुंडापंजी में दर्ज करने का आदेश दिया. एसएसपी ने इसके लिए उपद्रवी छात्रों की पहचान करने की जिम्मेदारी ब्रह्नापुरा थानाध्यक्ष को दी. उन्होंने समय-समय पर विभिन्न घटनाओं में आरोपित 54 छात्रों की एक लिस्ट बनायी. ये सभी वर्ष 2007 व 2008 बैच के छात्र थे. पुलिस ने कॉलेज प्राचार्य को इन छात्रों के प्रमाण पत्र जारी करने पर रोक का निर्देश दिया, जिसके आधार पर पास आउट होने के बावजूद आज तक कॉलेज ने इन छात्रों का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किया है.