मुजफ्फरपुर: ग्रामीण इलाके की जमीन शहर में रजिस्ट्री कराने पर लगने वाली आइ फीस (अतिरिक्त शुल्क) डेढ़ सौ से बढ़ा कर पांच हजार रुपये कर दिया गया है. इससे जिला अवर निबंधन कार्यालय में काम का दबाव कम हो गया है. सरकार के इस फैसले से जहां जिला कार्यालय के कर्मी चैन की सांस ले रहे हैं, वहीं बिचौलियों की बेचैनी बढ़ गयी है. पहले जहां एक दिन में 90-100 जमीन के दस्तावेजों की रजिस्ट्री होती थी. वहीं अब इसकी संख्या घट कर 40-50 हो गयी है. हालांकि, सोमवार को पहले से लंबित पड़े दस्तावेजों की संख्या अधिक रहने के कारण कुल 90 रजिस्ट्री हुई. इनमें मात्र 30-35 दस्तावेज ही नये थे.
कटरा कार्यालय में बढ़ी भीड़
कटरा व मोतीपुर अंचल निबंधन कार्यालय में पहले की तुलना में रजिस्ट्री की संख्या में दो गुना वृद्धि हुई है. आइ फीस में वृद्धि से पहले हर सोमवार को कटरा कार्यालय में 10- 15 व मोतीपुर में 18-20 रजिस्ट्री होती थी. वहीं फीस में वृद्धि के बाद सोमवार को क्रमश: 33 व 37 दस्तावेजों की रजिस्ट्री हुई है. इसके कारण दोनों कार्यालय में सुबह से शाम तक भीड़ लगी रही.
दो दिन में 10 जमीन की रजिस्ट्री
27 व 28 जुलाई को मात्र दस जमीन के दस्तावेजों की ही रजिस्ट्री हुई. जबकि, आंकड़ों पर गौर करें तो 2012 के 27 व 28 जुलाई को कुल 65 रजिस्ट्री हुई थी. सोमवार को कटरा व मोतीपुर कार्यालय के अंतर्गत आने वाले कांटी, औराई व गायघाट के दर्जन भर से अधिक जमीन की खरीद-बिक्री के लिए लोग पहुंचे, लेकिन शुल्क में वृद्धि के कारण वे अंचल कार्यालय लौट वापस लौट गये.