नयी दिल्ली : आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी प्रकरण में चेन्नई सुपर किंग्स के टीम प्रिंसिपल गुरुनाथ मयप्पन और राजस्थान रायल्स के मालिक राज कुंद्रा को क्लीन चिट दिये जाने के बाद पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद में आरोप लगाया है कि बीसीसीआई में शामिल राजनीतिज्ञ इसे आईओए बनाने पर तुल गये हैं.
पूर्व न्यायधीश टी जयराम चौटा और आर बालासुब्रहमण्यम की दो सदस्यीय पैनल ने बीसीसीआई कार्यकारिणी को कल अपनी रिपोर्ट सौंप दी जिसमें मयप्पन और कुंद्रा को निर्दोष करार दिया गया. इससे एन श्रीनिवासन की बीसीसीआई में वापसी तय हो गयी है.
भारत की 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे आजाद ने कहा , मैं डालमिया या श्रीनिवासन को दोष नहीं देता बल्कि पक्ष विपक्ष के उन राजनेताओं पर आरोप लगा रहा हूं कि वे बीसीसीआई को भारतीय ओलंपिक संघ बनाने पर तुल गये हैं. राजनीतिज्ञों के दखल के कारण आईओए का जो हश्र हुआ , वह अब बीसीसीआई का होता दिख रहा है.
उन्होंने कहा , मुंबई पुलिस ने कहा है कि अभी मामले की जांच पूरी नहीं हुई. दिल्ली पुलिस भी जांच कर रही है और बीसीसीआई ने खुद अपनी जांच बिठाकर क्लीन चिट भी दे डाली. क्या ये लोग देश के संविधान और कानून से ऊपर हैं ? उन्होंने कहा कि अब सरकार को दखल देकर बीसीसीआई को हर हाल में आरटीआई के अधीन लाना चाहिए.
उन्होंने कहा , पूर्व खेलमंत्री अजय माकन जब खेल विधेयक लाये तो कैबिनेट में शामिल नेताओं ने अपने स्वार्थों के चलते उसका विरोध किया. अगर बीसीसीआई दावा करता है कि वह अपने खातों का ऑडिट कराता है तो आरटीआई के अधीन क्यों नहीं आता.
आजाद ने कहा ,बीसीसीआई की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाना जरुरी है और यह सिर्फ इसे आरटीआई के अधीन लाकर ही लायी जा सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार की गाज सिर्फ खिलाडि़यों पर गिरना गलत है. उन्होंने कहा ,अधिकारी तो इस तरह साफ छूट जाते हैं और सजा बेचारे खिलाडि़यों को मिलती है जबकि खिलाडि़यों के जज्बे और शानदार खेल की वजह से ही भारत में क्रिकेट इस कदर लोकप्रिय है.