बरबीघा (शेखपुरा) : शनिवार को बड़ी बस व छोटी गाड़ियों की बंदोबस्ती के बाद ठेका लेनेवाले ठेकेदारों के द्वारा राजस्व की हो रही क्षति के बाद जिला प्रशासन से लगायी गयी. गुहार के फलस्वरूप प्रशासनिक पदाधिकारियों के नेतृत्व में बैठक बुलायी गयी, जिसमें बरबीघा, शेखपुरा, वारिसलीगंज, लखीसराय, बिहारशरीफ, पटना, गोपालबाद, सरमेरा आदि रूटों में खुलनेवाली गाड़ी के मालिकों एवं अनुमंडल तथा जिला स्तर के विभिन्न पदाधिकारी शामिल हुए.
बस मालिकों के द्वारा बस स्टैंड से बाहर गाड़ी खड़ा कर विभिन्न रूटों में जानेवाले यात्रियों को बिठा लेने के कारण एजेंटों के मार्फत राजस्व की वसूली करनेवाले ठेकेदारों को हो रही क्षति के मुद्दे पर गहमागमी भरे माहौल में बैठक की शुरुआत हुई. नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सुधांशु शेखर ने बताया कि 30 लाख रुपये में नगर पंचायत के द्वारा बड़ी गाड़ियों के बस स्टैंड की बंदोबस्ती की गयी है तथा निर्धारित शुल्क के रूप में प्रति गाड़ी प्रति दिन ठेकेदार के द्वारा 100 रुपये दिन वसूली की जानी है, परंतु ठेकेदार के अनुसार गाड़ियों को सड़क पर खड़ा कर यात्रियों को बिठा कर यात्रा करवाये जाने के कारण जहां उसे एक ओर राजस्व की क्षति उठानी पड़ रही है.
वहीं पुरानी हटिया मोड़ से लेकर ब्लॉक तक गाड़ियों के सड़क किनारे खड़ा रहने के कारण यात्रियों का पैदल चलना भी दूभर हो जाता है तथा दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है. एसपी मीनू कुमारी तथा डीएम संजय कुमार सिंह ने मामले की गंभीरता को समझते हुए बस स्टैंड के स्थल का मुआयना किया एवं सड़क पर खड़ी गाड़ियों को देख कर तत्काल एसडीएम सुबोध कुमार को दंडाधिकारी प्रतिनियुक्त कर एक महीने के भीतर सभी गाड़ियों को बस स्टैंड से खुलवाने का फरमान जारी किया.
जिला परिवहन पदाधिकारी राजीव ने बताया कि डीएम संजय कुमार सिंह के द्वारा निर्गत आदेश के अनुसार जो गाड़ी चालक इस आदेश का उल्लंघन करेगा उस पर दंडात्मक कार्रवाई की जायेगी. इस मौके पर इंस्पेक्टर अरूण शुक्ला, थानाध्यक्ष मैथिलीशरण, कार्यपालक पदाधिकारी सुधांशु शेखर, अंचलाधिकारी रविशंकर पांडेय, नगर पंचायत अध्यक्ष चमरू पासवान, नगर पंचायत उपाध्यक्ष रोशन कुमार आदि लोग मौजूद थे.