21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अधर में लटकी शिक्षा व्यवस्था

अरवल (सदर) : शिक्षा के अधिकार कानून 2010 लागू होने के बाद भी प्राइमरी और मध्य विद्यालयों में संसाधन का घोर अभाव है. जिले में कुल 526 प्राइमरी विद्यालय है. 44 विद्यालय के पास अपना भवन नहीं है. बच्चे पेड़ के नीचे या सामुदायिक भवनों में पढ़ते हैं. जिन विद्यालयों के पास अपना भवन है […]

अरवल (सदर) : शिक्षा के अधिकार कानून 2010 लागू होने के बाद भी प्राइमरी और मध्य विद्यालयों में संसाधन का घोर अभाव है. जिले में कुल 526 प्राइमरी विद्यालय है. 44 विद्यालय के पास अपना भवन नहीं है.

बच्चे पेड़ के नीचे या सामुदायिक भवनों में पढ़ते हैं. जिन विद्यालयों के पास अपना भवन है उसमें छात्रछात्राओं के अनुपात में कमरों की घोर कमी है. एक ही कमरे में चलते हैं दो से तीन वर्ग के क्लास. जिले में छात्रछात्राओं की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की घोर कमी है. किसी विद्यालय में एक तो किसी में दो शिक्षक है. जिस विद्यालय में एक शिक्षक हैं . अगर वह किसी काम से कहीं चला गया तो विद्यालय का पठनपाठन बंद हो जाता है.

* गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान

वर्ग एक से आठ तक पढ़ने वाले छात्रछात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए सरकार द्वारा तरहतरह के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. लेकिन धरातल पर अरवल जिले के किसी प्राइमरी विद्यालयों में शायद ही इसका लाभ मिल रहा है. खुद सरकार के शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव सत्यनारायण ने अरवल जिले में तीन दिन रहकर दर्जनों विद्यालयों का निरीक्षण पदाधिकारियों के साथ किया तो उन्हें खुद यह अहसास हुआ कि सरकारी विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए अभी भी बहुत कुछ करना होगा. अधिकांश स्कूलों में बच्चों को पाठ्यपुस्तक नहीं मिली है. छात्र प्रगति रिपोर्ट कार्ड भरने के नाम पर मात्र खानापूर्ति किया जा रहा है.

* कब तक होगी शिक्षकों की बहाली

शिक्षा के अधिकार कानून 2010 के तहत प्रत्येक विद्यालयों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है. सरकार ने एन सी आर टी के निर्देशानुसार प्राइमरी विद्यालयों में शिक्षक की बहाली हेतु शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किया. लाखों अभ्यर्थी इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए. जिसके बाद उन्होंने रिक्त पदों के लिए आवेदन किया. लेकिन आवेदन डाले करीब दो वर्ष बीत गये. अभी तक शिक्षक बहाली की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है. शिक्षक बनने की आस लगाये आवेदक नियोजन इकाई के चक्कर लगातेलगाते थक चूके हैं. सरकार के द्वारा निर्धारित तिथि का अनुपालन नियोजन इकाई में लगे कर्मी द्वारा नहीं किया जाता है.

* क्या कहते है डीइओ

जिला शिक्षा पदाधिकारी रीना कुमारी ने बताया कि जिले में शिक्षा व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त किया जा रहा है. उसमें थोड़ा समय लगेगा. शिक्षक की कमी को जल्द पूरा कर लिया जायेगा. नियोजन प्रक्रिया चल रही है. सभी विद्यालयों में शिक्षकों के सृजित पद भरे जायेंगे.

* शिक्षा के अधिकार कानून की उड़ रही धज्जियां, बच्चों का भविष्य अंधकार में

* कहीं भवन की कमी तो कहीं शिक्षक का अभाव

* खुले में बनता है मध्याह्न् भोजन, पेड़ के नीचे पढ़ते हैं बच्चे

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें