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फॉर्मूला वन की महिला ड्राइवर

करीब तीन दशक बाद कोई महिला फॉर्मूला वन ट्रैक पर फर्राटा भरती दिख सकती है. विलियम्स टीम ने सूजी वोल्फ को आगे बढ़ाया है, जो ब्रिटेन में अभ्यास कर रही हैं. सूजी के इस कदम के साथ ही शायद फॉर्मूला वन, रफ्तार और तेजी को सिर्फ मर्दो के साथ जोड़ने की परंपरा खत्म हो सकती […]

करीब तीन दशक बाद कोई महिला फॉर्मूला वन ट्रैक पर फर्राटा भरती दिख सकती है. विलियम्स टीम ने सूजी वोल्फ को आगे बढ़ाया है, जो ब्रिटेन में अभ्यास कर रही हैं. सूजी के इस कदम के साथ ही शायद फॉर्मूला वन, रफ्तार और तेजी को सिर्फ मर्दो के साथ जोड़ने की परंपरा खत्म हो सकती है. इससे पहले पहले भारतीय मूल की मोनिषा काल्टेनबॉर्न पिछले साल सॉबर टीम की प्रिसिंपल बनी थीं.

फॉर्मूला वन में बरसों से कोई महिला ड्राइवर नहीं रही हैं. 1975 और 1976 में इटली की लेला लोंबार्डी ने 12 रेसों में हिस्सा लिया था और अंक जुटानेवाली वह दुनिया की इकलौती महिला फर्राटा रेसर हैं. 1975 के स्पेन ग्रां प्री में वह छठे नंबर पर रही थीं. 1992 में इटली की ही जियोवाना अमाती ने क्वालीफाई करने की कोशिश की थी, जिसमें वह नाकाम रहीं, लेकिन वोल्फ लगातार इस दिशा में काम कर रही हैं और कई बार उन्होंने फॉर्मूला वन चैंपियन किमी राइकोनेन के बराबर समय भी निकाला है.

स्कॉटलैंड की सूजी पिछले सप्ताह से ब्रिटेन की प्रतिष्ठित सिल्वरस्टोन रेसिंग ट्रैक पर अभ्यास कर रही हैं. 30 वर्षीय सूजी मर्सिडीज मोटरस्पोर्ट्स हेड और विलियम्स टीम के शेयरधारक टोटो वोल्फ की पत्नी हैं.

ट्रेनिंग के दौरान सीखने को है बहुत कुछ

सूजी, विलियम्स की कार डेवलपर हैं और उन्होंने 2011 में सिल्वरस्टोन में हुई प्रदर्शनी रेस में विलियम्स कार चलाई है. वह कहती हैं कि मेरा ज्यादातर काम सिमुलेटर पर है, इसलिए मेरे लिए आनेवाला दिन बेहद खास है. इससे मैं समझ पाऊंगी कि ट्रैक पर कार कैसे नियंत्रित की जाती है.

बचपन से थी दिलचस्पी

सूजी बचपन से ही रेसिंग ट्रैक पर उतरती रही हैं और 1996 में वह ब्रिटेन की महिला कार्ट रेसर के खिताब से सम्मानित भी हो चुकी हैं. उन्होंने कई कार्टिग प्रतियोगिताएं भी जीती हैं. उन्होंने 1999 में फॉर्मूला ए में हिस्सा लिया और 13वें नंबर पर रहीं.

हालांकि सूजी 30 साल की हो चुकी हैं, जिसे फॉर्मूला वन ड्राइवरों की ढलती उम्र कहा जाता है. चर्चा है कि अपने पति और महिला होने की वजह से ही उन्हें यह मौका मिल रहा है. पर सूजी इस बात से इनकार करते हुए कहती हैं कि अगर मुझमें तेजी नहीं होती, तो शायद मैं यहां होती ही नहीं.

कड़ी चुनौती है मेरे लिए

सूजी कहती हैं कि मुझे यह एक शानदार मौका मिला है और सबकी निगाहें मेरी अच्छे प्रदर्शन पर है. अब यह मेरे ऊपर है कि मैं इस दिन के लिए खुद को कैसे तैयार करती हूं. यह एक बहुत बड़ी चुनौती है, लेकिन सबसे ज्यादा जरूरी है कि मैं अपना काम बखूबी कर पाऊं . ताकि टीम मुझपर प्रतियोगिता में हिस्सा लेने का भरोसा कर सके.

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