वाशिंगटन : अमेरिका, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के संघर्ष वाले क्षेत्रों से अपने ड्रोन विमानों के विशाल बेड़े को हटाकर इन्हें किसी अन्य जगह पर तैनात करने जा रहा है. अब इन ड्रोन विमानों का इस्तेमाल सशस्त्र समूहों की गतिविधियों, मादक पदार्थो के तस्करों, समुद्री डकैतों और अन्य ऐसे ही लक्ष्यों को भेदने में किया जाएगा.
द वाशिंगटन पोस्ट में आज प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘ ओबामा प्रशासन द्वारा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और यमन में अपने ड्रोन हमलों की संख्या में कमी किए जाने के बीच अमेरिकी सेना अब ड्रोन विमानों के विशाल बेड़े को दुनियाभर में अन्य ठिकानों के लिए तैनात कर रही है.’’ दैनिक ने लिखा है कि ड्रोन विमानों की तैनाती के अगले चरण में ‘‘आतंकवादियों को मारने के बजाय,जासूसी पर अधिक ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिससे पेंटागन की निगरानी का दायरा पारंपरिक और घोषित युद्ध क्षेत्रों से कहीं अधिक दूर तक होगा.’’
पिछले एक दशक से भी अधिक समय में पेंटागन ने चार सौ से अधिक प्रिडेटर, रीपर्स , हंटर और अन्य अधिक उंचाई पर उड़ान भरने वाले ड्रोन विमानों से आतंकवाद विरोधी अभियानों में क्रांतिकारी बढ़त हासिल की है जिसमें अल कायदा और तालिबान के शीर्ष आतंकवादियों को मार गिराया गया. वर्ष 2004 से अमेरिका ने पाकिस्तान के भीतर 350 ड्रोन हमले किए. इन हमलों में हालांकि सैंकड़ों नागरिक भी मारे गए.