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एमडीएम से मौत पर राजद ने खोला मोरचा

शेखपुरा : जहरीला मध्याह्न् भोजन खिलाये जाने से 23 बच्चों के मौत की घटना के विरोध में प्रदेश संगठन के आह्वान पर राजद नेताओं ने एक दिवसीय धरना दिया. धरना की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजनीति प्रसाद सिंह ने की. धरना सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने सरकार एवं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही पर निशाना साधते […]

शेखपुरा : जहरीला मध्याह्न् भोजन खिलाये जाने से 23 बच्चों के मौत की घटना के विरोध में प्रदेश संगठन के आह्वान पर राजद नेताओं ने एक दिवसीय धरना दिया. धरना की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष राजनीति प्रसाद सिंह ने की.

धरना सभा को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष ने सरकार एवं विभागीय अधिकारियों की लापरवाही पर निशाना साधते हुए कहा कि बच्चों की मौत की घटना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि मध्याह्न् भोजन योजना में जितने लोग लगे हैं सही से मॉनिटरिंग करते तो ऐसी घटनाएं नहीं घटती.

शंभु यादव ने कहा कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद सरकार की नींद नहीं खुली है और सूबे के विद्यालयों में घटिया भोजन खिलाये जाने को विवश किया जाता है. धरना सभा को लट्टू यादव, वाल्मीकि मुखिया, चंद्रमौली यादव, संजय यादव, बालेश्वर यादव, रामचंद्र सिंह, मो हुसामुद्दीन, ललन साव, छात्र जिलाध्यक्ष रंजीत सिंह उर्फ बुद्धन भाई, मिथलेश यादव आदि नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की गलत नीतियों एवं मनमानी का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है.

नेताओं ने कहा कि धरातल पर उतारी जा रही सभी योजनाओं में लूट-खसोट मची हुई है, जिसके कारण आम लोगों का विकास कम अधिकारियों का विकास सबसे ज्यादा हुआ है. नेताओं ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चों की मौत का हिसाब सरकार को देना होगा.

* चल रहा आरोप-प्रत्यारोप

बिहारशरीफ (नालंदा) : सारण जिले के मशरक में मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत के विरोध में राजद कार्यकर्ताओं द्वारा शनिवार को अस्पताल चौक पर धरना दिया. धरना सभा की अध्यक्षता करते हुए राजद के जिलाध्यक्ष मो हुमायूं अख्तर तारिक ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग अपनी जिम्मेवारी से बचने के लिए आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. कितनी दुख की बात है कि मुख्यमंत्री पीड़ित परिवार से मिलने छपरा नहीं गये हैं.

राजद नेताओं ने कहा कि शिक्षा मंत्री जज की भूमिका में आरोप सुना रहे हैं. शिक्षा मंत्री को बहाना चाहिए कि किसके साजिश के तहत बीमार बच्चों को कई घंटे तक छपरा में रोक रखा गया. दवा और उपकरण नहीं रहने के बावजूद अस्पताल में पीड़ित बच्चों को क्यों रखा गया. बीमार बच्चों को 15 घंटे के बाद छपरा से पटना लाया गया.

अगर सरकार तेजी दिखाते हुए समय पर बच्चों को पटना लाती तो कितने बच्चों की जान बच सकती थी. मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री को इतनी बड़ी घटना की जिम्मेवारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए. धरना सभा का संचालन पप्पू यादव ने किया.

धरना सभा को राज किशोर प्रसाद, सीताशरण बिंद, कमलेश अजगर, सुनील ठाकुर, कल्लू यादव, वीरेंद्र गोप, अरुण कुमार, रवि अजगर, खुर्शीद अंसारी, राकेश यादव, रामाशीष चौधरी, इकबाल हैदर, दीपक कुमार सिंह, महेंद्र यादव, रामदेव कुशवाहा, फिरोज खां, शिवरतन साव, लाल बाबू, नेहालउददीन, डॉ. सतीश, धनंजय कुमार, ब्रजलाला यादव, रामचंद्र शर्मा, तपेश्वर सिंह, निधि शर्मा, अर्जुन यादव, सुबोध चंद्रवंशी, शंकर राउत, चंद्रमौली सिंह, संतोष पांडेय, गोरख ठाकुर, अलख यादव, जीतू यादव आदि मौजूद थे.

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