कोलकाता: ईंधन आपूर्ति समझौते को लेकर सार्वजनिक उपक्रम कोल इंडिया लिमिटेड और एनटीपीसी के बीच चल रही खींचतान आखिरकार समाप्त हो गयी. बुधवार को दोनों कंपनियों ने 28 ईंधन आपूर्ति समझौते (एफएसए) पर दस्तखत किये. इनमें एनटीपीसी की 17 उत्पादन इकाइयां और एनटीपीसी व अन्य कंपनी के संयुक्त उपक्रम की 11 उत्पादन इकाइयां शामिल हैं.
एनटीपीसी के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक अरूप रायचौधरी ने कहा कि इस समझौते के तहत कोल इंडिया एनटीपीसी को 60 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति करेगी. इससे 14010 मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन किया जायेगा.
पुराने व नये एफएसए को मिला कर कोल इंडिया अब एनटीपीसी को कुल 174 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति करेगी. समझौते के अनुसार कोल इंडिया को कुल मांग का 80 फीसदी कोयले की आपूर्ति करनी होगी. कंपनी ने 2030 तक एक लाख 32 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा है.
कोयला गुणवत्ता को लेकर थी समस्या
कोल इंडिया लिमिटेड के चेयरमैन एस नरसिंह राव ने कहा कि दोनों कंपनियों के बीच कोयला की गुणवत्ता व कीमत को लेकर कुछ समस्याएं थीं, जिसका समाधान किया जा चुका है. अब कोल इंडिया व एनटीपीसी के बीच ईंधन आपूर्ति समझौता को लेकर फिलहाल कोई विवाद नहीं है. हालांकि सेल व एनटीपीसी के संयुक्त प्रयास से भिलाई में 500 मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए भी बुधवार को समझौता होना था, लेकिन कुछ कारणों से यह समझौता नहीं हो पाया. वहीं, कोयला उत्पादन के लक्ष्य के संबंध में उन्होंने कहा कि कोल इंडिया अपने उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी.