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चिड़चिड़ाहट को दूर भगा बैटरी डिस्चार्ज होने से बचायें

।। दक्षा वैदकर ।। हम सभी दिन में कई बार चिड़चिड़ाहट के शिकार होते हैं. कई लोगों को यह आम बात लगती है, लेकिन यह गंभीर समस्या है. वह इसलिए क्योंकि जितना ही ज्यादा हम चिड़चिड़ायेंगे, उतनी ही हमारी ऊर्जा कम होगी. हमारी कार्यक्षमता की बैटरी जल्दी डिस्चार्ज होगी. हम गाड़ी चला रहे हैं. हमें […]

।। दक्षा वैदकर ।।

हम सभी दिन में कई बार चिड़चिड़ाहट के शिकार होते हैं. कई लोगों को यह आम बात लगती है, लेकिन यह गंभीर समस्या है. वह इसलिए क्योंकि जितना ही ज्यादा हम चिड़चिड़ायेंगे, उतनी ही हमारी ऊर्जा कम होगी. हमारी कार्यक्षमता की बैटरी जल्दी डिस्चार्ज होगी.

हम गाड़ी चला रहे हैं. हमें कहीं जल्दी पहुंचना है और सामनेवाला गाड़ी बहुत धीमे चला रहा है. वह हमें निकलने का रास्ता भी नहीं दे रहा. हम चिड़चिड़ाना शुरू कर देते हैं. हमें किसी को तुरंत ई-मेल करना है. हम सिस्टम ऑन करते हैं और पता चलता है कि नेट बहुत स्लो है. हम बाल नोचने लगते हैं. हम मीटिंग में बैठे हैं. हमारी बाजू वाली कुरसी पर बैठा व्यक्ति कुछ इस तरह हिल रहा है कि चरर-मरर की आवाज आ रही है. हम चिड़चिड़ाने लगते हैं. दिन भर में ऐसी कई घटनाएं हमारे साथ होती है. जो हमारी बैटरी तेजी डिस्चार्ज करती है.

इस चिड़चिड़ेपन को कैसे कम किया जाये, इस पर मैं एक सज्जन का उदाहरण दूंगी. वे रंगकर्मी हैं और विभिन्न शहरों में जा-जा कर नाट्य प्रस्तुतियां दिया करते हैं. नाटक शुरू होने के पहले वे हमेशा दर्शकों से निवेदन करते हैं कि कृपया नाटक के दौरान अपने मोबाइल फोन बंद रखें, लेकिन जब भी वे मंचन शुरू करते हैं, कोई न कोई फोन बज ही जाता है. जब भी ऐसा होता है, वे मंचन कुछ पल रोक कर उस रिंग टोन को सुनते हैं और उस पर झूमते हैं.

जब रिंग टोन बंद हो जाती है, तो वे उस व्यक्ति को कहते हैं ‘थैंक्यू, आपने इतनी बढ़िया रिंग टोन मुझे सुनायी’. मैंने एक बार उनसे कहा ‘मैं आपकी जगह होती, तो बहुत चिड़चिड़ा जाती. आपको चिढ़ नहीं होती?’ उन्होंने जवाब दिया, ‘पहले मैं भी चिड़चिड़ाने लगता था. मेरे चेहरे के भाव बदल जाते थे. फोन बंद होने के बाद भी मेरे अभिनय में मेरी चिड़चिड़ाहट नजर आती थी, लेकिन फिर मैंने सोचा कि हर बार दर्शक अलग-अलग होते हैं.

भला अब हम कितने लोगों को सुधार सकते हैं? बेहतर है कि मैं खुद में ही कोई बदलाव करूं, क्योंकि मोबाइल फोन तो मंचन में बजेंगे ही. मैंने तय किया कि अब मैं हर मोबाइल टोन को इन्जॉय करूंगा. शुरुआत में दिक्कत आयी थी, लेकिन अब मुझे इस पर चिढ़ नहीं होती. मैंने अपनी कमजोरी पर विजय पा ली है.

– बात पते की

* दुनिया आपके मुताबिक नहीं चल सकती. साथ ही हर व्यक्ति का अपना अलग स्वभाव है. हम लोगों को बदल नहीं सकते, बेहतर है खुद को बदलें.

* हर व्यक्ति की चिड़चिड़ाहट की वजह अलग-अलग होती है. उन चीजों की लिस्ट बनायें और देखें कि किस तरह यह चिड़चिड़ाहट कम हो सकती है.

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