बीजिंग: लद्दाख क्षेत्र में पिछले दिनों हुई चीनी घुसपैठ पर कड़वाहट को दरकिनार करते हुए भारत ने आज कहा कि चीन के साथ सीमा रक्षा सहयोग समझौते पर ‘‘वास्तविक प्रगति’’ हुई है जिसका मकसद इस प्रकार की घटनाओं को टालना है.
यहां पिछले दो दिनों से चीनी असैन्य और सैन्य नेतृत्व से गहन वार्ता कर रहे रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने यहां भारतीय मीडिया को बताया, ‘‘ सीमा रक्षा सहयोग समझौते (बीडीसीए) में वास्तव में प्रगति हुई है.’’ अपने चीन दौरे को समाप्त करते हुए एंटनी ने कहा, ‘‘ बीडीसीए के अधिकतर प्रावधानों पर पहले से ही वास्तविक सहमति थी. इनमें से कुछ मुद्दों पर और अधिक विचार विमर्श की जरुरत है. विचार विमर्श जारी रहेगा और उचित समय सीमा के भीतर अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा.’’
रक्षा मंत्री एके एंटनी और चीन के नेताओं के बीच हुई बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने परस्पर विश्वास बहाली के कदम उठाने पर सहमति जताई. इन कदमों में सीमा पर नियमित अंतराल पर बैठकें और सैन्य अधिकारियों के एक दूसरे के यहां दौरे शामिल हैं.
एंटनी की चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग, रक्षा मंत्री जनरल चांग वानकुआन तथा स्टेट काउंसिलर के साथ बातचीत के बाद जारी साझा बयान में कहा गया है कि रक्षा आदान प्रदान भारत-चीन रणनीतिक और सहयोगात्मक साझीदारी का महत्वपूर्ण पहलू है.
इसमें कहा गया है, ‘‘सीमा पर शांति एवं स्थिरता को द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण गारंटर करार देते हुए मंत्रियों ने दोनों देश की सेना के बीच परस्पर विश्वास तथा समझ को बढ़ाने पर जोर दिया है.’’