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18 जुलाई से पहले सरकार गठनः हेमंत

रांची : रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने 18 जुलाई को राष्ट्रपति शासन की अवधि समाप्त होने से पूर्व नई सरकार के गठन करने के लिए उनके पास आवश्यक 41 विधायकों से अधिक का समर्थन होने का दावा किया है. झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने आज नई […]

रांची : रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता हेमंत सोरेन ने 18 जुलाई को राष्ट्रपति शासन की अवधि समाप्त होने से पूर्व नई सरकार के गठन करने के लिए उनके पास आवश्यक 41 विधायकों से अधिक का समर्थन होने का दावा किया है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा विधायक दल के नेता हेमंत सोरेन ने आज नई दिल्ली में कांग्रेस नेताओं और राजद नेता लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के बाद यहां लौटने के बाद हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह दावा किया.

हेमंत ने दो टूक कहा कि समर्थक विधायकों की कमी का सवाल ही नहीं उठता है. उनकी अपनी पार्टी के 18 विधायकों के अलावा कांग्रेस के 13 और राजद के पांच विधायकों का भी उन्हें समर्थन मिल चुका है. इन्हें मिलाकर कुछ 36 का आंकड़ा पूरा हो जाता है. इसके अलावा उन्होंने कुछ निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा किया और कहा कि उन्हें साथ लेकर उनके पास 41 से अधिक का जादुई आंकड़ा मौजूद है. उन्होंने कहा कि उन्हें नई सरकार के गठन में कोई कठिनाई नहीं है. अलबत्ता उसके पहले कुछ और बातें तय करनी हैं, जो जल्द ही सहयोगी दलों के साथ बैठक कर तय कर ली जायेगी.

निर्दलियों को साथ लाना हेमंत के लिए चुनौती

कांग्रेस-झामुमो गठबंधन के लिए निर्दलियों को मंत्रिमंडल में शामिल करना चुनौती होगी जो एक-दो दिनों के अंदर झारखंड में अगली सरकार के गठन का दावा कर सकती है. राजद प्रमुख लालू प्रसाद के लगातार आश्वासन और कम से कम चार निर्दलियों के समर्थन पत्र के बाद झामुमो की ओर से नामित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज रांची के लिए रवाना हो गए.

झामुमो के सूत्रों ने कहा कि नवगठित गठबंधन में नामित मुख्यमंत्री सोरेन को चार निर्दलीय विधायकों हरीनारायण राय, बंधु तिर्की, चमारा लिंडा और बिदेश सिंह के समर्थन का पत्र मिल गया है.दो अन्य निर्दलीय विधायक हैं गीता कोडा और एनोस एक्का. गीता कोडा भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा की पत्नी हैं. कांग्रेस का एक धड़ा राज्य में निर्दलियों के सहयोग से सरकार के गठन को लेकर चिंतित है और उनका स्पष्ट मानना है कि उन्हें नई सरकार में मंत्री के रुप में नहीं लिया जाना चाहिए.

बहरहाल निर्दलियों को लेकर चुनौती बरकरार है जो सत्ता में भागीदार चाहते हैं. झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में झामुमो के 18 सदस्य, कांग्रेस के 13 और राजद के पांच सदस्य हैं. इनकी संख्या 36 होने के बाद राज्य में सामान्य बहुमत से सरकार बनाने के लिए उन्हें पांच और विधायकों के समर्थन की जरुरत होगी. से बात करते हुए तिर्की ने कहा कि वह सरकार गठन का स्वागत करते हैं और समर्थन पत्र दे चुके हैं लेकिन ‘‘निर्दलीय विधायकों को मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए.’’

तिर्की ने कहा, ‘‘राज्य में हमने हमेशा सरकार गठन का समर्थन किया है. मैंने और तीन अन्य निर्दलीय विधायकों ने सोरेन को समर्थन पत्र दिया है. मैं निर्दलीय विधायकों का नेता नहीं हूं लेकिन मैं सोरेन को सुझाव देता हूं कि वह गीता कोडा और एनोस एक्का से भी बात करें.’’ उन्होंने कहा, ‘‘निर्दलीय सरकार गठन के पक्ष में हैं लेकिन उनका सम्मान भी किया जाना चाहिए. तभी स्थायी सरकार बन सकती है.’’ तिर्की को राजद प्रमुख लालू प्रसाद के नजदीक माना जाता है और इन मुद्दों के समाधान में वह संभवत: भूमिका निभा सकते हैं.

सूत्रों ने कहा कि झारखंड में वैकल्पिक सरकार के गठन के लिए कांग्रेस और झामुमो के बीच गठबंधन से कुछ समय पहले लालू प्रसाद ने झामुमो नेता हेमंत सोरेन को आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी उनका पूर्ण समर्थन करेगी और वहां सरकार बनाने के लिए हरसंभव सहयोग देगी. मार्क्‍सवादी समन्वय समिति के एकमात्र विधायक अरुप चटर्जी भी विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ मतदान नहीं कर सकते हैं. चार विधायकों की तरफ से समर्थन पत्र सौंप दिए जाने के बाद भी एक विधायक की कमी है और झामुमो को विश्वास है कि कभी भी उसे जरुरत पड़ने पर समर्थन मिल जाएगा.

चूंकि कांग्रेस सरकार में शामिल हो रही है इसलिए इस तरह का विचार है कि जद..यू भी धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर सरकार का समर्थन कर सकता है. जदयू के दो विधायक हैं राजा पीटर जिन्होंने तमाड़ विधानसभा सीट से झामुमो प्रमुख शिबू सोरेन को हराया था और सुधा चौधरी जो बिहार विधानसभा के अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी की पत्नी हैं.

झामुमो को जुटाना है आंकड़ा

कांग्रेस की ओर से सरकार बनाने की हरी झंडी मिलने के बाद हेमंत सोरेन को अब बहुमत जुटाने का टास्क मिल गया है. इसकी कवायद झामुमो को ही पूरी करनी है. झामुमो के नेता हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार के लिए राजद, निर्दलीय का समर्थन जुटा कर राजभवन में दावा पेश करेंगे.

फिलहाल इनका है समर्थन
कांग्रेस : 13
झामुमो : 18
निर्दलीय : 04 (बंधु तिर्की, चमरा लिंडा, विदेश सिंह और हरिनारायण राय. सूचना के मुताबिक इनका हस्ताक्षर युक्त पत्र मिला है.)
मासस : 01 अरूप चटर्जी के समर्थन का दावा किया जा रहा है
इन निर्दलीयों के समर्थन की जरूरत : गीता कोड़ा, एनोस एक्का
राजद के पांच विधायकों के समर्थन की भी आवश्यकता

सरकार बनने पर प्राथमिकता
कांग्रेस ने कहा, सरकार की प्राथमिकता पंचायत को जरूरी शक्ति मुहैया कराने की होगी, ताकि कृषि, सिंचाई, शिक्षा, ऊर्जा, सड़क, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, पेंशन भुगतान और छात्रवृत्ति आदि योजनाओं का लाभ लोगों को विशेष रूप से आदिवासी और समाज के कमजोर वर्गो जो कि खनन गतिविधियों से प्रभावित हैं, उन्हें सहायता मिल सके.

अभी तक किसी को समर्थन नहीं दिया है. सरकार बनाने के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं हुई है. किसी ने संपर्क भी नहीं किया है. मेरा नाम समर्थन करनेवालों में कैसे शामिल किया गया, मुङो पता नहीं. जब बातचीत होगी, तो विचार किया जायेगा. इसके पहले क्षेत्र की जनता से राय लूंगी. कोल्हान क्षेत्र के विकास की शर्तो पर ही समर्थन करेंगी. – गीता कोड़ा, विधायक

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