दरौली (सीवान) : बरसात थमने के बाद भी न तो घाघरा का जल स्तर कम हुआ और न ही कटाव. वर्तमान में घाघरा खतरे के निशान से पांच सेमी नीचे बह रही है. इधर, पानी का बहाव तेज होने के चलते यूपी व बिहार को जोड़ने के लिए बना पीपा पुल भी बह कर काफी दूर किनारे पर चला गया है.
कटाव का आलम यह है कि घाघरा अपने तटवर्ती इलाकों में लगे पेड़-पौधों को आगोश में लेने लगी है. इसे देख आसपास रहनेवाले लोग काफी भयभीत हैं. बता दें कि बरसात व केदारनाथ में आये प्रलय के बाद सारी नदियों के जल स्तर में अचानक इजाफा हो गया था. इधर, बरसात थमने के बाद घाघरा के जल स्तर व रफ्तार में कमी नहीं हुई है. पूरे वेग के साथ नदी का पानी बह रहा है.
ग्रामीणों ने अनुसार, अभी बरसात का मौसम पूर्ण रूप से शुरू नहीं हुआ, फिर भी घाघरा उफान पर है. अगर समय रहते प्रशासन ने कटाव को रोकने का उपाय नहीं किया, तो यह प्रलय ला सकता है. हालांकि कटाव रोकने के लिए स्थानीय ग्रामीण पेड़ की डालियां सहित अन्य सामग्री कटाव स्थल पर डालने का मन बना रहे हैं. जल स्तर बढ़ने से बिहार व यूपी को जोड़ने वाला पीपा पुल अलग-अलग हिस्सों में बंट कर नदी के किनारे जाकर लग गया है.
* कटाव रोकने में जुटे सीओ
सिसवनत्नघाघरा नदी की रफ्तार देख स्थानीय लोग भी सहमे हुए हैं. बता दें कि कदिया बाबा श्रीराम जानकारी मंदिर के पीछे से होकर गुजर रहा तटबंध काफी कमजोर है.
इधर, पानी की धारा तेज होने से कटाव शुरू हो गया है. इसे देख सीओ बच्च प्रसाद इस पर कड़ी नजर रखे हुए हैं. कटाव रोकने के लिए उन्होंने बोरे में मिट्टी भरवा कर बांध को मजबूत करवाने में जुटे हुए हैं.
* खतरे के निशान से पांच सेमी नीचे बह रही घाघरा नदी
* निकटवर्ती इलाकों में रहनेवाले लोग हैं भयभीत
* बिहार व यूपी को जोड़ने वाला पीपा पुल क्षतिग्रस्त