कोलकाता: बारासात फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बुधवार को कामदुनी की कॉलेज छात्र के साथ सामूहिक दुष्कर्म व हत्या मामले में अधूरी चाजर्शीट दाखिल करने पर सीआइडी को फटकार लगायी. कोर्ट ने सीआइडी से सवाल किया कि फोरेंसिक रिपोर्ट तथा तीन अन्य आरोपियों के नाम इसमें अभी तक क्यों नहीं शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि कामदुनी मामले में कुल नौ आरोपी हैं, इनमें से तीन के बारे में सीआइडी ने चाजर्शीट में कोई उल्लेख नहीं किया है. इसके साथ ही चाजर्शीट में कई आरोपियों के नाम शामिल होने के बावजूद उनके विरुद्ध कोई आरोप नहीं तय किया गया है. फॉरेंसिक रिपोर्ट भी अभी कोर्ट में नहीं जमा की गयी है. न्यायाधीश अर्पण चट्टोपाध्याय ने सीआइडी की ओर से दाखिल चाजर्शीट को त्रुटिपूर्ण और अधूरा बताया. कोर्ट में हाजिर छह आरोपियों की ओर से कोई भी वकील के नहीं खड़ा होने पर उन्होंने कोर्ट के वरिष्ठ वकील अजीत नाग को आरोपियों की ओर से मामला देखने के लिए नियुक्त किया.
मामले की तीन आरोपी अभी भी फरार हैं. कोर्ट ने उन्हें अविलंब गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के लिए कहा. सीआइडी को गुरुवार तक कोर्ट में मामले की पूरी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया, ताकि मामले की गुरुवार से सुनवाई शुरू हो सके. गौरतलब है कि कामदुनी गांव में सात जून को कॉलेज छात्र के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या की गयी थी.
इस ममाले की सुनवाई के लिए मंगलवार को बारासात सीजेएम कोर्ट ने बारासात के फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था. इधर, कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गिरफ्तार छह आरोपियों को आज बारासात अदालत ले आया गया. इस मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मामले की सुनवाई जल्द पूरी कर आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया.