एकंगरसराय : केंद्र व राज्य सरकार द्वारा विकलांगों के कल्याण के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलायी जा रही हैं. इसके बावजूद प्रखंड क्षेत्र के शहरी व ग्रामीण इलाकों में बसर करनेवाले अल्पसंख्यक, दलित, महादलित व अन्य समुदाय के दर्जनों विकलांग महिला-पुरुष व बच्चे इन सरकारी योजनाओं से वंचित हैं, और अपनी विकलांगता पर आंसू बहा रहे हैं.
सरकार विकलांगों के उत्थान के लिए तीन पहिये ट्राइ साइकिल, माइक्रो फोन, इंदिरा आवास, विकलांग पेंशन, वैशाखी, छात्रवृत्ति आदि योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन इन सुविधाओं के लाभ ये विकलांग लोग कोसों दूर हैं. प्रखंड क्षेत्र के केशोपुर गांव निवासी रचन मिस्त्री के 20 वर्षीय विकलांग पुत्र विश्वकर्मा मिस्त्री ने सोमवार को बीडीओ के कार्यालय में पहुंच कर बीडीओ भुवनेश्वर प्रसाद से अपने दोनों पैर व कमर से विकलांगता दिखाते हुए योजनाओं के लाभ के लिए गुहार लगायी.
विश्वकर्मा ने बताया कि सरकार व अधिकारी विकलांगों के साथ सौतेलापन का काम कर रही है. सरकार द्वारा विकलांगों को दी जानेवाली सारी सुविधाओं से मैं आज तक वंचित हूं. मैं इन सुविधाओं के दर-दर भटक रहा हूं, लेकिन कोई सुध लेनेवाला नहीं है. श्री मिस्त्री ने बताया कि दर्जनों बार पंचायत प्रतिनिधियों व पदाधिकारियों के पास विकलांगता प्रमाणपत्र, ट्राइ साइकिल व पेंशन समेत कई अन्य संसाधनों के लिए गुहार लगायी गयी है, लेकिन किसी ने रहम नहीं दिखाया.
बीडीओ भुवनेश्वर प्रसाद ने विश्वकर्मा के विकलांगता को देख कर व योजना से वंचित सुन कर दंग रह गये, और इस संबंध में चिकित्सा पदाधिकारी डॉ राज किशोर कुमार राजू से दूरभाष पर विकलांगता प्रमाणपत्र देने के लिए कहा डॉ राजू ने बीडीओ के बातों को गंभीरता से लेते हुए श्री मिस्त्री को मंगलवार को प्रमाणपत्र देने के लिए स्वास्थ्य केंद्र एकंगरसराय बुलाया गया है.
बीडीओ ने विकलांग विश्वकर्मा मिस्त्री को भरोसा दिलाया कि सरकार से मिलनेवाली सारी सुविधाओं को दिलायी जायेंगी. वहीं, तारापुर गांव निवासी मोहन मिस्त्री के 18 वर्षीय पुत्र संतोष कुमार व एकंगरसराय पटेल गली निवासी मो अब्दुल रहीम के 16 वर्षीय पुत्र मो जफीर आलम दोनों पैर से विकलांग है. इन दोनों को पढ़ने की तमन्ना है, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण विद्यालय आने-जाने में असमर्थ हैं. वहीं एकंगरसराय निवासी मो इशराइल समेत करीब दर्जनों मुस्लिम समुदाय के लोग विकलांग हैं.