14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जानें, क्या है डॉप्लर वेदर राडार

उत्तराखंड की हालिया आपदा को वहां अचानक हुई भारी बारिश और बादल फटने का परिणाम बताया गया है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ी इलाकों में यदि डॉप्लर वेदर राडार लगे होते तो हालात की भयावहता का अंदाजा कुछ घंटे पूर्व लगाया जा सकता था. जानते हैं, क्या है यह डॉप्लर वेदर राडार. […]

उत्तराखंड की हालिया आपदा को वहां अचानक हुई भारी बारिश और बादल फटने का परिणाम बताया गया है. ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि पहाड़ी इलाकों में यदि डॉप्लर वेदर राडार लगे होते तो हालात की भयावहता का अंदाजा कुछ घंटे पूर्व लगाया जा सकता था. जानते हैं, क्या है यह डॉप्लर वेदर राडार.

डॉप्लर राडार एक ट्रांसमीटर से वायुमंडल में माइक्रोवेव ऊर्जा की कड़ियों का उत्सजर्न करता है, जिसे इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के डायग्राम से समझा जाता है. वायुमंडल में मौजूद तमाम चीजें (ओले, पत्थर, बर्फ के टुकड़े, बादलों की बूंदें, पक्षी, कीड़े, धूल कण, पेड़ आदि) उससे टकराते हुए उसे वापस लौटाती हैं.

इस प्रकार वापस लौटनेवाली तरंगों का परीक्षण करके मौसम का पूर्वानुमान लगाया जाता है. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, डॉप्लर राडार बादल फटने के पूर्वानुमान के लिए मौजूद सबसे अच्छी तकनीक मानी जाती है. बादल फटने का पूर्वानुमान ज्यादा देर पहले लगाना तो मुश्किल है लेकिन यह राडार जो रेडियो तरंगें भेजता है, उनके वापस लौटने पर कंप्यूटर उन्हें अंकित कर चित्र बनाता है.

इस सिस्टम से बादलों की सघनता, ऊंचाई, उसकी गति आदि मापी जा सकती है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह तकरीबन 5-6 दिन पहले मौसम का पूर्वानुमान लगाने में सक्षम है. अब तक उपयोग में आ रहे राडार केवल बादलों की जानकारी देते थे. इस नये राडार से बादलों की दिशा, उनकी बारिश की क्षमता, बादलों की गति और उनकी तमाम हरकतों की पूरी जानकारी हासिल होगी. आम तौर पर इसका रेंज 500 कि.मी. और प्रभावी रेंज ढाई सौ कि.मी. है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें