आसनसोल: मच्छर खून ही नहीं चूसते, ये आर्थिक चपत भी लगाते हैं. आप मानें या न मानें, आसनसोल कोयलांचल के निवासी मच्छर भगाने के लिए सालाना 13 करोड़ रु पया खर्च करते हैं. दूध लें या न लें, राशन की लिस्ट में मच्छर भगाने वाले प्रोडक्ट मॉसिक्वटो क्वाइल, लिक्विड या हिट अनिवार्य रूप से शामिल रहता है.
सबसे ज्यादा खपत मॉसिक्वटो क्वाइल का है. गरीब से लेकर अमीर तक इसका इस्तेमाल करता है. लिकविड के आने के बाद मैट का बाजार थोड़ा फीका हुआ है. स्प्रे (हिट) की खपत भी काफी बढ़ गयी है. आसनसोल कोयलांचल में ब्रांडेड कंपनी गोदरेज साराली, एससी जॉनशन, आरबीआइ व उजाला के प्रोडक्ट बिकते हैं. नन ब्रांडेड कंपनी नाइट क्वाइन, अटैक, लोब्रा आदि प्रोडक्ट की ग्रामीण क्षेत्रों में काफी खपत है. अगर आम नागरिक, विभिन्न औद्योगिक कंपनियां और नगर निगम साफ-सफाई पर ध्यान दे तो यह रकम बच सकती है. सेहत पर भी प्रतिकूल असर नहीं होगा.
जापान से आता है केमिकल
मच्छर मारने वाले प्रोडक्ट के लिए केमिकल जापान से आता है. जापान की कंपनी अर्थ केमिकल व सुमीटोमो का केमिकल यहां आता है. उस केमिकल से मच्छर भगाने वाला प्रोडक्ट यहां तैयार किया जाता है.
हिट बैटमिंटन भी बाजार में
मच्छर भगाने में चाइना प्रोडक्ट भी पीछे नहीं है. चाइना का हिट बैटमिंटन बाजार में उपलब्ध है. इलेक्तिट्रक से यह चार्ज होता है. हिट बैडमिंटन से टकराते ही मच्छर जल जाता है. हालांकि बदबू दार दुर्गंध के कारण इसकी खपत कम है. सालाना 12 से 14 लाख का हिट बैटमिंटन का कारोबार होता है.