छपरा (सारण) : ईमानदारी आज भी जिंदा है. इसका उदाहरण मंगलवार को प्रधान डाक घर में देखने को मिला. हुआ यह कि डाक अभिकर्ता मनोज कुमार मासिक जमा योजना के तहत ग्राहकों की राशि संग्रह कर जमा करने के लिए डाकघर पहुंचा.
जब काउंटर पर कैश निकालने लगा, तो झोले में राशि नहीं थी. राशि नहीं पाकर वह रोने लगा और आधे घंटे तक परेशान रहा. इसी बीच काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी अरुण कुमार शुक्ला बाहर निकल रहे थे तो, गेट के पास प्लास्टिक में लपेटा हुआ कुछ गिरा पड़ा देखा, जिसे उठा कर खोला तो, उसमें नोटों का बंडल था, उसने तुरंत जाकर डाक अभिकर्ता को वह राशि दे दी जिसे पाकर वह काफी खुश हो गया. उस बंडल में एक लाख, 35 हजार रुपये थे.
मिली हुई राशि डाककर्मी द्वारा डाक अभिकर्ता को लौटाये जाने की चर्चा दिन भर होती रही. डाक अभिकर्ता ने डाककर्मी की ईमानदारी पर उसे साधुवाद दिया और राशि लौटाने के लिए उसके प्रति आभार व्यक्त किया. वरिष्ठ डाकपाल ललन राम, मार्केटिंग एक्सक्यूटिव जयशंकर ओझा आदि ने भी डाककर्मी श्री शुक्ला की ईमानदारी की भावना की सराहना की और कहा कि ऐसे ही लोगों की बदौलत आज समाज में ईमानदारी कायम है.