विद्यालय में कमरों की संख्या आठ है. इनमें दो की हालत जजर्र है. प्राय: कमरों का फर्श टूट गया है. आलम यह है कि बच्चे टूटे फर्श में बोरा बिछा कर पढ़ने को विवश हैं. दो कमरों की हालत बदतर हो गयी है.
हमेशा प्लास्टर झड़ने का खतरा बना रहता है. कई बार विद्यालय अवधि में प्लास्टर गिर चुका है. इससे बच्चे बाल-बाल बचे हैं. बरसात में कमरे के ध्वस्त होने का खतरा मंडरा रहा है. लिहाजा अभी से जजर्र कमरों में बच्चों को बैठाना छोड़ दिया गया है.