सरायकेला : जिला के विभिन्न घाट से बालू के उठाव पर अब मनमानी नहीं चलेगी. अब बालू घाट की खुली नीलामी होगी. इसके लिए विभागीय पहल शुरू कर दी गयी है. संभावना है कि अगले माह विभाग द्वारा नीलामी प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.
इस संबंध में विभाग के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने सभी जिला खनन पदाधिकारियों को पत्र लिख कर नीलामी प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. विभाग को बालू घाट की नीलामी करने से पूर्व पर्यावरण विभाग से एनओसी लेना पड़ेगा, तभी नीलामी हो सकेगी.
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव के बाद सरकार ने महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए राज्य के बालू घाट में से बालू के उठाव करने से लेकर राजस्व वसूली करने का अधिकार संबंधित मुखियाओं को दिया था, जिस पर अपने अधीन आने वाले घाट से बालू उठाव का रॉयल्टी रसीद भी नहीं देते थे, जिससे सरकार को लाखों रुपये राजस्व की हानी होती थी.
एनओसी जरूरी
खनन विभाग बालू घाट की नीलामी बिना पर्यावरण विभाग से एनओसी लिये नहीं कर सकेगी. नीलामी विभाग तभी कर पायेगा, जब पर्यावण विभाग उससे बालू उठाव के लिए एनओसी देगा. इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी रत्नेश कुमार सिन्हा ने बताया कि पर्यावरण विभाग से एनओसी के लिए सुरक्षित राशि जमा करनी पड़ती है.
इसके लिए पर्यावरण विभाग द्वारा तय फीस जमा करनी पड़ती है, लेकिन इस मामले में विभाग फीस जमा करेगी या नीलामी से प्राप्त करने वाले ठेकेदार से वसूल करेगी, इसको लेकर विभाग से दिशा-निर्देश मांगा गया है. निर्देश मिलते ही बालू घाटों की नीलामी कर दिया जायेगा.
मुखिया का था अधिकार
पंचायती राज व्यवस्था के तहत 2011 में सरकार ने फैसला लेते हुए राज्य के सभी बालू घाट से बालू उठाव करने की जिम्मेदारी पंचायत के मुखिया को दे दी थी. मुखिया अपने पंतायत के अधीन आने वाले घाट से बालू का उठाव कराते थे.