पूर्व भारतीय गेंदबाज और 1983 विश्व कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव ने कहा कि उमेश यादव को सफल गेंदबाज बनने के लिये अपनी गेंदबाजी में और अधिक अनुशासन लाना होगा. छब्बीस वर्षीय यादव ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच में पांच विकेट चटकाकर प्रभावित किया लेकिन इसके बाद वह कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की उम्मीदों के अनुरुप चैम्पियंस ट्राफी में नई गेंद से विकेट नहीं चटका सके.
इंग्लिश हालातों में सिर्फ रफ्तार ही सफलता की कुंजी नहीं है, यादव ने चैम्पियंस ट्राफी के चार मैचों में केवल तीन विकेट हासिल किये और वह पाकिस्तान तथा श्रीलंका के खिलाफ बड़े मैचों में एक भी विकेट नहीं प्राप्त कर सके. वहीं भुवनेश्वर कुमार कम रफ्तार के बावजूद काफी प्रभावशाली रहे. उन्होंने चार मैचों में छह विकेट चटकाये जिनमें ज्यादातर शीर्ष क्रम के बल्लेबाज थे. धोनी ने या तो विराट कोहली या खुद (श्रीलंका के खिलाफ सेमीफाइनल में चार ओवर गेंदबाजी की) को गेंदबाजी पर लगाया, जिससे साफ दिखता है कि यादव उम्मीद के मुताबिक अपना काम नहीं कर सके.
कपिल ने कहा, ‘‘नई गेंद से हिट करना बड़ा लुभावना होता है लेकिन अच्छा बल्लेबाज आपको लाइन पर भी हिट कर सकता है. रफ्तार हमेशा आपको विकेट नहीं दिला सकती. उमेश को अनुशासित गेंदबाजी सीखनी होगी.’’उन्होंने कहा, ‘‘बहुत तेज गेंदबाजी करना अच्छा है लेकिन आपको सही लाइन एवं लेंथ अपनानी होगी. आपको इस पर ध्यान लगाना होगा.’’