लखनऊ: सीबीआई की विशेष अदालत ने प्रतापगढ़ जिले में कुंडा के पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक हत्याकांड के सिलसिले में राज्य के पूर्व काबीना मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का पालीग्राफी परीक्षण कराने की इजाजत दे दी है.
विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीबीआई) मिर्जा जीनत की अदालत ने प्रकरण की जांच कर रही सीबीआई की अर्जी पर जिया-उल-हक हत्या काण्ड में राजा भैया की अनुमति से उनका पालीग्राफ परीक्षण कराने की इजाजत प्रदान कर दी है. राजा भैया पहले ही पालीग्राफ परीक्षण के लिए अनुमति दे चुके हैं.
राजा भैया ने विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीबीआई) मिर्जा जीनत की अदालत के समक्ष अपने वकील के साथ पेश होकर कल ही कहा था कि वह ना तो पुलिस उपाधीक्षक हत्याकांड मामले में अभियुक्त हैं और ना ही संदिग्ध. इसके बावजूद अगर सीबीआई को लगता है कि साफ-सुथरी तफ्तीश के लिये उनका पालीग्राफी परीक्षण कराया जाना जरुरी है तो वह इसके लिये सहमत हैं.
उल्लेखनीय है कि सीबीआई की तरफ से अर्जी पेशकर राजा भैया का पालीग्राफी परीक्षण कराने की इजाजत दिये जाने का आग्रह अदालत से किया गया था.इसके पूर्व, राजा भैया ने गत दो मार्च को हुए पुलिस उपाधीक्षक जियाउल हक हत्याकांड मामले में यहां सीबीआई की विशेष अदालत में पेशी से पहले संवाददाताओं से कहा ‘‘मैंने कभी अपना बयान नहीं बदला और मुझो किसी बात की कोई फिक्र नहीं है. अगर सीबीआई को लगता है कि मेरा पालीग्राफी परीक्षण जरुरी है तो मैं इसके लिये तैयार हूं. मैं खुद चाहता हूं कि सच सामने आये.’’
गौरतलब है कि सीबीआई दो मार्च को बलीपुर में हुई जिया-उल-हक हत्या काण्ड में 15 और 16 मई को राजा भैया से लम्बी पूछताछ कर चुकी है. हक की पत्नी परवीन आजाद ने राजा भैया पर हक की हत्या की साजिश का आरोप लगाया था जिसके बाद राजा भैया को मंत्री पद से इस्तीफा देना पडा था.