चेन्नई : मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा है कि अगर कोई सही कानूनी उम्र को पूरा करने वाला युगल यौन संबंध बनाता है तब उसे वैध विवाह माना जायेगा और उन्हें पति-पत्नी घोषित किया जा सकता है.
उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति सी एस करनान ने अपने आदेश में कहा, ‘‘अगर कोई युगल यौन आकांक्षा को पूरा करना तय करता है, तब कानून कुछ अपवादों को छोड़कर उसके बाद उत्पन्न होने वाले सभी परिणामों के अनुरुप पूर तरह से प्रतिबद्ध होता है.’’ उन्होंने कहा कि मंगलसूत्र, वरमाला, अंगुठी आदि पहनने जैसी वैवाहिक औपचारिकताएं केवल समाज की संतुष्टि के लिए होती है.
कोई भी पक्ष यौन संबंध के बारे में दस्तावेजी सबूत पेश करके वैवाहिक संबंध का दर्जा प्राप्त करने के लिए परिवार अदालत से सम्पर्क कर सकता है. न्यायाधीश ने कहा कि एक बार ऐसी घोषणा हो जाने के बाद युगल किसी भी सरकारी रिकार्ड में पति पत्नी के रुप में स्थापित हो सकते हैं. उच्च न्यायालय ने कोयंबतूर के एक गुजाराभत्ता संबंधी मामले की सुनवाई करते हुए यह व्यवस्था दी.