विम्बलडन में इस साल पुरुष एकल फाइनल में भारतीय चेहरा नजर आयेगा क्योंकि भारत की पिंकी सोनकर को सात जुलाई को होने वाले फाइनल से पहले टॉस उछालने के लिये चुना गया है. पिंकी क्लेफ्ट (कटे हुए) होंठ वाले मरीजों के लिये काम कर रहे न्यूयार्क स्थित दुनिया के सबसे बड़े गैर लाभार्थ संगठन स्माइल ट्रेन की नुमाइंदगी करेगी. उसे पुरुष एकल फाइनल में टॉस के लिये चैरिटी पार्टनर चुना गया है.
स्माइल ट्रेन कटे होंठ वाले मरीजों का मुफ्त आपरेशन करता है. वर्ष 2007 में पिंकी का आपरेशन करने वाले डाक्टर सुबोध कुमार सिंह उसके साथ लंदन जायेंगे. भारत में ब्रिटेन के उच्चायुक्त सर जेम्स बेवन दो जुलाई को अपने घर पर पिंकी के लिये विदाई डिनर का आयोजन करेंगे. ग्यारह बरस की पिंकी दुनिया को अपनी कहानी बताने भारत से लंदन जायेगी. पिंकी की कहानी पर बने लघु वृतचित्र ‘स्माइल पिंकी’ ने आस्कर पुरस्कार जीता था.
पिंकी विम्बलडन में खिलाड़ियों से मिलेंगी. कोर्ट पर चैम्पियनशिप रैफरी एंड्रयू जेरेट और चेयर अंपायर उसकी मदद करेंगे. लंदन में प्रवास के दौरान वह कई समारोहों में भाग लेगी जिसमें स्माइल ट्रेन के समर्थकों से भी मिलेगी.