नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आज कहा कि कथित रुप से मिलावटी दवाओं के उत्पादन और बिक्री को लेकर रैनबैक्सी लैबोरेटरी के खिलाफ जांच के लिये दायर याचिका पर 24 जून को सुनवाई की जायेगी.
न्यायमूर्ति ए के पटनायक और न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की ग्रीष्मावकाश कालीन खंडपीठ आज वकील मनोहर लाल शर्मा की जनहित याचिका पर शीघ्र विचार के लिये सहमत हो गयी.
इससे पहले, एक अन्य अवकाशकालीन खंडपीठ ने 10 जून को मनोहर लाल शर्मा से कहा था कि भारतीय दवा कंपनी द्वारा कथित रुप से मिलावटी दवाओं के उत्पादन और बिक्री के बारे में आरोपों के समर्थन में दस्तावेज दाखिल करें. इसके बाद शर्मा ने न्यायालय ने अतिरिक्त हलफनामा दाखिल किया.
जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस कंपनी पर अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने ह्यमिलावटीह्ण दवाओं के उत्पादन और बिक्री के आरोप में 50 करोड डालर का जुर्माना किया है. याचिका में इस तथ्य के मद्देनजर कंपनी की हिमाचल प्रदेश के पौन्टा साहिब और मध्य प्रदेश के देवास स्थित दवा उत्पादन इकाईयां सील करने का अनुरोध किया गया है.
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया है कि रैनबैक्सी ने अमेरिका में मिलावटी दवाओं की आपूर्ति करने का जुर्म कबूल करने और इसके बाद उस पर तगड़ा जुर्माना लगाये जाने के बावजूद केंद्र सर कार ने इस कंपनी की दवाओं पर पाबंदी लगाने के लिये अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.याचिका में भारत में रैनबैक्सी को दवायें बेचने की अनुमति देने के कारण भारतीय औषधि नियंत्रक, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के खिलाफ भी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.