रांची: झारखंड में राष्ट्रपति शासन समाप्त करने के लिए सरकार के गठन की वकालत कर रही झारखंड मुक्ति मोर्चा इस मामले में आज अस्पष्ट नजर आयी हालांकि एक सप्ताह पहले उसने कहा था कि मौजूदा राजनीतिक स्थिति के बारे में विचार के लिए उसकी आज की बैठक इस मामले में निर्णायक होगी.
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायी दल के नेता हेमंत सोरेन ने विधायकों और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद कहा यहां कहा, ‘‘झामुमो शुरु से ही लोकप्रिय सरकार के गठन के पक्ष में रही है और अब (अन्य) राजनीतिक दलों को यह तय करना चाहिए कि झारखंड में लोकतांत्रिक सरकार होनी चाहिए या नहीं.’’
सरकार के गठन की संभावनाओं के संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब को टालते हुए उन्होंने कहा कि यह दूसरे दलों पर निर्भर है कि वह अपना रुख स्पष्ट करें.यह पूछने पर कि क्या भाजपा के आगे आने पर वह उसका साथ देगी, हेमंत सोरेन ने कहा कि पहले दलों को अपना रुख स्पष्ट करने दीजिए.
उन्होंने कहा, ‘‘भविष्य के संबंध में कोई नहीं जानता.’’ यह पूछने पर कि कांग्रेस के दो नेताओं ने आज झामुमो के नेताओं से क्यों भेंट की, उन्होंने कहा, ‘‘कई नेता आते-जाते रहते हैं.’’