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गंठबंधन का टूटना गलत, लोगों के साथ धोखा

* वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर जनता की गहरी नजर, मिलेगा मुंहतोड़ जवाबबड़हिया : आखिर नमो-नमो को राम-राम कह कर तलाक दे ही डाला. इससे भाजपा व जदयू आमने-सामने हो गयी है. वहीं कांग्रेस ने कहा है कि सेक्यूलर फोर्स पार्टी को मोदी के खिलाफ एकजुट हो जाने का समय आ गया है. जबकि राजद ने […]

* वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर जनता की गहरी नजर, मिलेगा मुंहतोड़ जवाब
बड़हिया : आखिर नमो-नमो को राम-राम कह कर तलाक दे ही डाला. इससे भाजपा व जदयू आमने-सामने हो गयी है. वहीं कांग्रेस ने कहा है कि सेक्यूलर फोर्स पार्टी को मोदी के खिलाफ एकजुट हो जाने का समय आ गया है.

जबकि राजद ने कहा कि नीतीश चालबाज हैं, कभी भी दोस्त के साथ धोखेबाजी कर सकते हैं. भाजपा के जिलाध्यक्ष कन्हैया कुमार, नगर अध्यक्ष नरोत्तम कुमार, प्रखंड अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, प्रो सदानंद सिंह, डॉ इंदु भारद्वाज, प्रणव सिंह व ओमप्रकाश ने जदयू पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मतलब निकल गया है तो पहचानते नहीं गाने को नीतीश जी ने चरितार्थ किया है.

जिस नीतीश को भाजपा ने देश व बिहार में पहचान दिलवाई वही मौके मिलते ही रंग बदल रहे हैं. पार्टी के साथ बिहार की आवाम के साथ गठबंधन तोड़ कर धोखा दिया है. आने वाले समय में बिहार की जनता इसका करारा जबाव देगी. वहीं जदयू प्रखंड अध्यक्ष रामस्वारथ सिंह, अशोक पासवान, सत्यनारायण महतो, अरुण कुमार, विभाष कुमार, संजय कुमार सहित कई जदयू नेता ने कहा कि भाजपा को नीतीश कुमार ने 2006 व 2011 में चुनाव में सफलता दिलायी.

इसके पूर्व इनकी स्थिति से सभी वाकिफ हैं. जबकि नीतीश जी पूर्व में कह चुके हैं कि गठबंधन के मुखिया सैकुलर छवि का होनी चाहिए, तो फिर भाजपा ने नरेंद्र मोदी को कैसे चुनाव कमेटी का अध्यक्ष बना दिया.

वहीं कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष नरेश सिंह, सच्चिदानंद सिंह, उदय कुमार, धीरेंद्र कुमार, अशोक कुमार सहित कई कांग्रेसी ने कहा कि नीतीश जी को पूर्व में ही संप्रदायिक गठबंधन से हट जाना चाहिए था. इससे उनकी छवि खराब नहीं होती. अब समय आ गया है कि संप्रदायिक ताकत के खिलाफ एकजुट होकर देश से संप्रदायिक ताकत को समाप्त करे. तभी देश बच सकता है.

राजद प्रखंड अध्यक्ष संजय कुमार, सरयू राम, नवीन कुमार सहित कई लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह गठबंधन तो टूटना ही था. क्योंकि नीतीश का इतिहास है कि दोस्त के साथ विश्वासी न बन कर विश्वासघात करना. भाजपा के साथ भी जदयू का 17 वर्ष का मधुर गठबंधन विश्वासघात में टूट गया. इसके परिणाम स्वरूप भाजपा को आज इस हाल में आना पड़ा.

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