सासाराम कार्यालय : जून के दूसरे सप्ताह से ही जिले के कई प्रखंडों में छिटपुट बारिश और मौसम के बदलते रुख से किसानों में खेती को ले विशेष उम्मीदें जगी हैं. वैसे तो रोहतास जिले का लगभग 80 फीसदी इलाका सिंचित क्षेत्र माना जाता है. फिर भी कुछ प्रखंडों में बारिश पर निर्भरता भी है.
सासाराम अनुमंडल के सभी छह प्रखंडों में सिंचाई की पूरी सुविधा है, लेकिन डेहरी और बिक्रमगंज अनुमंडल के कुछ पंचायतों में सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने से किसानों को परेशानी भी हो रही है.
हालांकि नौहट्टा, तिलौथू और रोहतास प्रखंड को छोड़ दिया जाये, तो जिले में सिंचाई की सुविधा कमोबेश अच्छी ही मानी जाती है. राजपुर, अकोढ़ीगोला, करगहर और चेनारी की कुछ पंचायतों में बिचड़ों को बचाने के लिए पंप सेटों का सहारा लेना पड़ रहा है.
किसानों की राय
किसानों के लिए खेती के लिए सर्वोत्तम माने जाने वाले आषाढ़ महीने में ही खरीफ फसल की शुरुआत होती है. जिले में इस वर्ष खेती का आगाज हो चुका है. बसडीहा गांव के किसान राम प्रवेश सिंह, सुभाष सिंह आदि ने बताया कि समय से बारिश होने पर बीज भी अच्छे तैयार होते हैं और खेती के लिए तैयारी करने का पूरा समय भी मिल पाता है.
इधर, राजपुर के राजनडीह गांव के सिंहासन सिंह ने बताया कि इस वर्ष समय से बारिश होने और मॉनसून आने से खेती भी अच्छी होगी और किसानों के लिए तो इससे बेहतर कुछ हो ही नहीं सकता. अभी मृशशिरा नक्षत्र चल रहा है, जिसमें कई किसानों ने बीजों को डाल दिया है. मृगशिरा में शुरुआती 10 दिनों तक किसान बीज नहीं डालते हैं, लेकिन इसके अंतिम पांच दिनों में बीज डाले जाते हैं.
वही इसके बाद आने वाले आद्रा नक्षत्र में तो किसानों के लिए बीज डालने और बोआई के लिए भी उत्तम काल माना जाता है. जिला कृषि पदाधिकारी वेंकटेश नारायण सिंह ने बताया कि रोहतास में वैसे भी नहरों की समुचित व्यवस्था है और यहां के किसान खेती की नयी विधियों के साथ परंपरागत खेती को भी खूब आजमा रहे हैं.