पटना : नीतीश कुमार के शेर के जवाब में भाजपा के विधान पार्षद हरेंद्र प्रताप ने भी शेर पढ़ा, कहा- ‘ साथ फेरे ले,जीने की कसम खाते हैं, जीते जी अत्याचार, मरने पर हार चढ़ाते हैं.
मुख्यमंत्री की टिप्पणी ‘मरने की दवा देते हैं.’ पर उन्होंने कहा है कि दवा, दुआ और जहर का अनुभववाले ही ऐसी टिप्पणियां कर सकते हैं. मैं तो जदयू की कोर कमेटी पर हैरान हूं.
उसमें कांग्रेस से आये विजय चौधरी और कल तक राजद का गुणगान करनेवाल श्याम रजक शामिल हैं. जदयू की कोर कमेटी के ऐसे सदस्य, तो गंठबंधन टूटने की कब से बांट जोह रहे थे. गंठबंधन टूटा, तो नीतीश कुमार की नयी सरकार कमजोर होगी. निर्दलीयों के सहारे चलेगी सरकार. अनुशासन में जीने की आदत ही नहीं हैं, जदयू में बाहर से आये नेताओं की. ऐसे में सहयोगी दल का हश्र तो बुरा होना ही है.