।। दक्षा वैदकर ।।
हिंदी सिनेमा के 100 साल पूरे होने पर बनी फिल्म ‘बॉम्बे टॉकीज’ को देखने का मौका मिला. उसमें शामिल छोटी-छोटी कहानियों में से एक कहानी हमें बहुत अच्छी सीख देती है. यह कहानी है एक छोटे बच्चे विक्की की, जो बड़ा हो कर डांसर बनना चाहता है, शीला की तरह (कैटरीना कैफ). उसके पापा चाहते हैं कि वह फुटबॉल सीखे. वह उसे जबरदस्ती फुटबॉल सीखने भेजते हैं, लेकिन वह चुपके-चुपके कथक डांस देखा करता है.
एक बार घर में मम्मी और दीदी के कपड़े व मेकअप का सामान इस्तेमाल कर जब वह डांस करता है, तो अचानक घर लौटे पापा उसे देख लेते हैं. वह उसके हुलिये और लड़कियों जैसे डांस को देख कर उसे मारते हैं और खूब डांटते हैं, यह कह कर कि बड़े हो कर क्या तुम्हें डांसर बनना है. खबरदार जो दोबारा इस तरह नजर आये.
उस रात जब वह टीवी देखता है, तो उसमें कैटरीना कैफ का इंटरव्यू आ रहा होता है. इंटरव्यू लेनेवाला सायरस उससे कहता है कि इंग्लैंड से आनेवाली एक लड़की, जिसे हिंदी का एक शब्द भी नहीं आता, उसने कैसे इतने कम सालों में इतनी सारी हिट फिल्में कर लीं? जवाब में कैटरीना कहती है, मैंने सिर्फ अपने ड्रीम को फॉलो किया. मेरा मानना है कि अगर तुममें इच्छाशक्ति है, तो तुम वही करोगे, जो तुम्हारा दिल चाहता है.
हालांकि यह इतना आसान नहीं, क्योंकि कई लोग हैं जो तुम्हें ऐसा करने से रोकते हैं. ऐसे लोगों से बचने के लिए कभी-कभी हमें अपने ड्रीम को छुपाना पड़ता है. कई बार लोग तुम्हें समझ नहीं पाते, इसलिए वे तुम्हें हतोत्साहित करते हैं. लेकिन तुम्हें तो पता है न कि तुम्हारा सपना क्या है, तो उसका ख्याल भी तुम्हें ही रखना पड़ेगा.
यह तुम्हारी जिम्मेवारी है कि उस सपने को संभालो, उसका पालन-पोषण करो, उसका ख्याल रखो, उसे मरने मत दो. यह जरूरी भी तो नहीं कि हर बात, हर किसी को बतायी जाये. हर बात बताने का सही वक्त होता है. कैटरीना बच्चे के सपने में आ कर कहती है कि तुम जो चाहो, वो कर सकते हो, जो चाहो, वो बन सकते हो. बस अपने दिल की सुनो, अपने सपने के पीछे चलो. बस यकीन करो कि ऐसा होगा और फिर तुम्हें कोई नहीं रोक सकता.
– बात पते की
* कई बार हम लोगों को अपना फ्यूचर प्लान बता देते हैं और वे उसमें बुराई निकाल कर, उसका मजाक उड़ा कर हमें पीछे हटने पर मजबूर कर देते हैं.
* उन लोगों को कभी अपना सपना, अपना फ्यूचर प्लान न बतायें, जो नकारात्मक सोच रखते हैं या आपको समझते नहीं हैं.