पटना : भाजपा ने जदयू के साथ सौहार्द्र का वातावरण खत्म हो जाने का संकेत देते हुए आज उसपर रास्ता अलग होने पर मदद करने के लिए उसके विधायकों को प्रलोभन दिये जाने और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के कार्यक्रम के लिए स्थान नहीं उपलब्ध कराये जाने का आरोप लगाया है.
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी के चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाये जाने के बाद जदयू द्वारा भाजपा से रिश्ता तोड लिए जाने के संकेत को लेकर आज बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के घर संपन्न भाजपा कोरग्रुप की बैठक के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि जदयू के नेताओं के जिस तरह के बयान आ रहे हैं उसे देखते हुए भाजपा के बिहार सरकार में सभी मंत्रियों से कहा गया है कि वे आगामी 17 जून तक पटना में उपस्थित रहें. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के 9 विधायकों ने यह सूचित किया है कि जदयू के नेता, विधायक और मंत्री उनसे यह कह रहे हैं कि आप आने वाले समय में जरुरत पडे तो जदयू की सरकार को अलग से मदद के लिए खडा हों. पांडेय ने कहा कि सिकटा विधानसभा से निर्दलीय विधायक दिलीप वर्मा ने बताया है कि किस प्रकार का प्रलोभन जदयू के मित्रों द्वारा दिया जा रहा है.
मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार की जनता ने इस गठबंधन को अपना जनादेश दिया था पर गठबंधन की भावना के खिलाफ नई सरकार बनाने के प्रयास जिस प्रकार से हो रहे हैं और भाजपा के विधायकों से संपर्क किया जा रहा है वह लोकतंत्र के लिए घातक एवं अशुभ तथा गठबंधन धर्म एवं जनता की भावना के खिलाफ है. उन्होंने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के, जो कि कार्यकर्ता सम्मेलन में आगामी 23 जून को पटना आने वाले हैं, कार्यक्रम के लिए पटना के मिलर हाई स्कूल का मैदान उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था पर शिक्षा विभाग द्वारा बताया गया कि वह मैदान भाजपा को नहीं दिया जाएगा.
पांडेय ने कहा कि हाल में संपन्न अपनी अधिकार रैली के लिए उसी मैदान का प्रयोग जदयू द्वारा किया गया था और वहां लगे पंडाल में सारण क्षेत्र के सभी कार्यकर्ताओं के रहने और भोजन की व्यवस्था बिहार सरकार के मंत्री गौतम सिंह द्वारा गयी थी. उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिये शुभ नहीं बताते हुए कहा कि जदयू उसी मैदान का अपने कार्यक्रम के लिए स्वयं करती है पर सहयोगी दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यक्रम के लिए उसे आवंटित करने से इंकार कर देती है. उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह के आगामी 23 के कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है और वे उसके लिए दूसरे स्थान की तलाश कर रहे हैं. नीतीश कुमार द्वारा वर्तमान परिस्थिति को एक शेर की शक्ल में बयान करते हुए यह कहा जाने कि ‘दुआ करते हैं जीने की, दवा करते हैं मरने की, दुशवारी का सबब यही है’ के बारे में पांडेय ने कहा ‘हम उफ भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वह कत्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता’.
भाजपा के मंत्रियों द्वारा अपना विभागीय काम बंद कर दिए जाने के बारे में पूछे जाने पर पांडेय ने कहा कि जिस प्रकार का माहौल जदयू के मित्रों द्वारा गठबंधन के संदर्भ में बनाया गया है वैसी परिस्थिति में साथ में काम करना कठिन लग रहा है इसलिए यह तय हुआ कि जब परिस्थितियां स्पष्ट हो जाएंगी तब हम लोग आगे देखेंगे. उन्होंने कहा कि जदयू के नेता बोल रहे हैं. सरकार के मुखिया :नीतीश कुमार: द्वारा इस संदर्भ में कुछ भी नहीं बोला जा रहा है. पांडेय ने कहा कि भाजपा गठबंधन को बनाए रखना चाहती है क्योंकि बिहार जनता की भावना ऐसी है और उसके लिए उन्होंने जनादेश दिया है. उन्होंने कहा कि गत नौ जून तक जदयू के सभी नेता यह कह रहे था भाजपा अगर अपने आंतरिक मामले को को लेकर कोई निर्णय लेती है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है और उनकी पार्टी ने केवल इतना निर्णय लिया कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पार्टी के चुनाव अभियान समिति का प्रमुख बनाया.
पांडेय ने कहा कि जदयू को यह बताना होगा कि आखिर ऐसी क्या बात हो गयी कि वे आज इस तरह की बातें कर रहे हैं नहीं तो यही मानेगी कि राजग गठबंधन को मिले जनादेश के साथ धोखा कर रहे हैं. उन्होंने जदयू के नेताओं के बयान को बेहतर नहीं बताते हुए कहा कि हम उस समय की प्रतीक्षा कर रहे जब जदयू की ओर से अधिकृत तौर पर यह निर्णय या उनका संवाद आ जाए कि वे गठबंधन के संदर्भ में क्या चाहते हैं. इस बीच बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार चौबे ने नीतीश की टिप्पणी पर कहा है कि भाजपा ने उन्हें कभी मरने की दवा नहीं दी बल्कि उन्हें रामबाण रुपी संजीवनी देकर उनके विपरित परिस्थितियां होने पर भी उन्हें सम्मान दिया जिसके लिए उन्हें शुक्रगुजार होना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजग का गठबंधन दलों के बीच हुआ था न कि किसी व्यक्ति विशेष के बीच. जिस समय गठबंधन हुआ था उस समय भी नरेंद्र मोदी भाजपा में ही थे.