रांची: बिरसा कृषि विवि अंतर्गत वेटनरी कॉलेज में वीसीआइ द्वारा मान्यता बरकरार रखने के लिए सबसे पहले उसके शर्तो का पालन करना अनिवार्य है. इसके तहत शिक्षकों की कमी दूर करना है. शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में देरी होने की वजह से फिलहाल इसकी कमी दूर करने के लिए राज्य के कृषि विकास केंद्र (केवीके) से शिक्षकों का स्थानांतरण किया जा सकता है. उक्त सहमति मंगलवार को बिरसा कृषि विवि के सीनेट सदस्यों व कृषि विभाग के सचिव नितिन मदन कुलकर्णी के साथ हुई वार्ता में बनी.
वार्ता में सचिव ने कहा कि नयी नियुक्ति होने तक विवि संविदा के आधार पर भी शिक्षकों को रख सकता है या फिर पशुपालन में एमएससी/पीएचडी की भी नियुक्ति की जा सकती है. वार्ता में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए एक हफ्ते में रोस्टर क्लियर करने पर भी सहमति बनी, जबकि विवि द्वारा बैकलॉग उपलब्ध नहीं कराये जाने पर सचिव खासे नाराज हुए.
सचिव ने कहा कि विवि को एरियर के रूप में तीन करोड़ 47 लाख रुपये दिये गये हैं, लेकिन अभी तक किसी को एरियर नहीं मिला है. राशि कहां गयी, इस बाबत विवि से कई बार जानकारी मांगी गयी है, लेकिन उपलब्ध नहीं कराया गया है.
सचिव ने वार्ता के क्रम में ही विवि के नियंत्रक को फोन पर फटकार लगाते हुए शीघ्र रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा. सीनेट सदस्यों ने सचिव से अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की, जिस पर सचिव ने उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया है. सीनट सदस्यों में डॉ पंकज सेठ, ललित दास, अशोक कुमार थे, जबकि विभाग की ओर से सचिव के अलावा संयुक्त सचिव राम प्रसाद व सुमन शाही उपस्थित थे.