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राजभवन की खामोशी तोड़ने में जुटे सीएम

लखनऊ: सूबे में राज्य सूचना आयुक्त के आठ पद रिक्त हैं. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मानसून सत्र शुरू होने के पूर्व इन पदों को भरना चाहते हैं. उनकी तरफ से करीब पांच माह पूर्व इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्यपाल बीएल जोशी की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया, लेकिन राजभवन ने उस प्रस्ताव पर खामोशी […]

लखनऊ: सूबे में राज्य सूचना आयुक्त के आठ पद रिक्त हैं. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव मानसून सत्र शुरू होने के पूर्व इन पदों को भरना चाहते हैं. उनकी तरफ से करीब पांच माह पूर्व इस संबंध में एक प्रस्ताव राज्यपाल बीएल जोशी की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा गया, लेकिन राजभवन ने उस प्रस्ताव पर खामोशी साध ली. जिसके चलते मुख्यमंत्री के प्रयास पर ब्रेक लग गया. अब फिर मुख्यमंत्री ने इस मामले में राज्यपाल की खामोशी को तोड़ने के लिए उनसे मुलाकात की है.

सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने राज्यपाल बीएल जोशी को बताया कि राज्य सूचना आयोग के आठ पद रिक्त होने के चलते आयोग में लम्बित वादों की संख्या में 50 हजार का आंकड़ा पार कर गई है. लम्बित वादों की संख्या में लगातार इजाफा होने से राज्य सूचना आयोग जनता की अपेक्षा को पूरा करने में असफल साबित हो रहा है. ऐसे में आयोग के रिक्त पदों को भरने के बाबत सरकार के प्रस्ताव पर राजभवन अपनी खामोशी तोड़े. ताकि सरकार राज्यपाल का अभिमत जानकर यदि आयुक्तों की तैनाती के प्रस्ताव में कोई खांमी रह गई हो तो उसे दूर कर उसे फिर से राजभवन भेजे.

राज्य सूचना आयुक्त का पद केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त के समकक्ष होता है. सूबे में मुख्य राज्य सूचना आयुक्त सहित राज्य सूचना आयुक्त के 11 पद हैं. रणजीत सिंह पंकज सूबे के मुख्य राज्य सूचना आयुक्त हैं. उनके अलावा वर्तमान में ज्ञान प्रकाश मौर्य और श्रीमती खदीजा कुरवा राज्य सूचना आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं. बाकी के आठ पद रिक्त हैं. जिनमें छह पद तो मायावती सरकार में ही रिक्त हुए थे. जिन्हें भरने का प्रयास मायावती ने नहीं किया था क्योंकि सूचना आयुक्त के एक रिक्त पद पर पीसीएस अधिकारी संघ मित्रा शंकर को तैनात करने संबंधी मायावती के प्रस्ताव को राजभवन ने मंजूरी नहीं दी थी. इस पर मायावती ने अन्य रिक्त पदों को भरने की पहल नहीं की. अखिलेश यादव के राज्य की सत्ता पर काबिज होने के बाद राज्य सूचना आयुक्त के दो पद और रिक्त हो गए.

जिसका संज्ञान लेते हुए अखिलेश सरकार ने इस वर्ष के शुरू में सूचना आयोग के आठ रिक्त पदों को भरने संबंधी एक प्रस्ताव राजभवन भेजा. इस दरमियान सुप्रीमकोर्ट सूचना आयुक्तों की तैनाती को लेकर कुछ दिशा निर्देश जारी किए. सूत्रों के अनुसार अखिलेश यादव जिन व्यक्तियों को सूचना आयुक्त के पद पर तैनात करना चाहते थे, वह इन दिशा निर्देशों पर खरे नहीं उतर रहे थे. जिसके चलते राजभवन ने इस मामले में चुप्पी साध ली. तो सरकार ने इस मामले को अपनी प्राथमिकताओं से हटा दिया. इस बीच सुप्रीमकोर्ट ने अपने दिशा निर्देशों के अमल पर रोक लगा दी और गत अप्रैल को हाईकोर्ट ने सरकार को तीन माह के भीतर राज्य सूचना आयुक्त के रिक्त पदों को भरने का निर्देश दिया.

हाईकोर्ट के इस निर्देश के डेढ़ माह बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्यपाल बीएल जोशी से मिलकर उन्हें इन रिक्त पदों को भरने के बाबत सरकार की मंशा से अवगत कराया. सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने इस मामले में अपनी खामोशी तोड़ने का आश्वासन मुख्यमंत्री को दिया है. उन्हें राज्य सूचना आयुक्त के पद पर कैसे लोगों की तैनाती करनी चाहिए इसका भी संकेत दिया. कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच हुई चर्चा के बाद जल्दी ही राज्य सूचना आयुक्त के आठ रिक्त पद भरने को लेकर राजभवन की सहमति सरकार को हासिल हो जाएगी.
!!राजेन्द्र कुमार!!

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