नयी दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा की चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाये जाने के बाद वरिष्ठ पार्टी नेता यशवंत सिन्हा ने कहा कि उन्हें मोदी के नाम से कोई दिक्कत नहीं है और आडवाणी के हाथ में नेतृत्व देने की सलाह उन्होंने उनकी वरिष्ठता को देखते हुए दी थी.
गोवा में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं हुए सिन्हा ने एक बयान में कहा कि वह मोदी के समर्थन में सबसे पहले बोलने वाले भाजपा के नेताओं में से हैं जिसकी वजह यह है कि कार्यकर्ता ऐसा चाहते हैं, लोग ऐसा चाहते हैं. सिन्हा के मुताबिक, ‘‘कांग्रेस पार्टी में या कहीं भी उनकी टक्कर का नेता नहीं है. लेकिन भारत में हमारी संस्कृति, हमारी परंपराएं और हमारे मूल्य हमें सिखाते हैं कि हमारे बुजुर्गों के प्रति सर्वोच्च सम्मान और आदर दिखाएं.’’ उन्होंने कहा कि उनके मन में यही बात थी.
हमारे समाज में यह परंपरा है जिसकी वजह से उन्होंने मीडिया से कहा कि अगर आडवाणी स्वयं नेतृत्व के लिए तैयार होते हैं, यदि संसदीय बोर्ड उनके पक्ष में फैसला करता है और अगर राजग में सहमति बनती है तो नेतृत्व की चर्चा को अंतिम रुप दिया जा सकता है. सिन्हा ने कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने उनके बयान का यह मतलब निकाला कि उन्होंने अपना रुख बदल दिया है और मोदी के बजाय वह आडवाणी का समर्थन कर रहे हैं.
झारखंड से लोकसभा सदस्य सिन्हा ने कहा, ‘‘पिछले तीन दिन में मुङो मोदी विरोधी और आडवाणी समर्थक दिखाया गया है. दरअसल संसद सत्र समाप्त होने के बाद से मैंने न तो आडवाणी से मुलाकात की है और न ही बात की है. यह सच है कि मैं गोवा नहीं गया, लेकिन उसकी वजह राजनीतिक नहीं हैं. उसके कारण निजी हैं और मुङो अपनी निजता का अधिकार है.’’ सिन्हा ने कहा कि आडवाणी न केवल पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता हैं बल्कि सबसे सम्मानित नेता भी हैं.उन्होंने कहा, ‘‘मेरे मन में हमेशा उनके प्रति सम्मान रहा है. उनके घर के सामने कल जो कुछ हुआ, वह निंदनीय है. आडवाणी को अपनी राय रखने का पूरा अधिकार है. उन्हें अपने सम्मान और गरिमा का पूरा हक है. मैं देश में किसी के भी द्वारा इस तरह की कोशिश का विरोध करने वाला पहला व्यक्ति होउंगा.’’ एक तरह से मीडिया को जिम्मेदार ठहराते हुए वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘खासतौर पर आज के समय में जब कि हमें मौजूदा सरकार के खिलाफ कई मुद्दे उठाने हैं, ऐसे में राजनीति मुद्दों पर आधारित होनी चाहिए ना कि व्यक्तित्व आधारित. मीडिया ने तय कर रखा है कि भाजपा में लोगों के तथाकथित झगड़े में मुद्दे छिप जाएं.’’