शेखपुरा : विवादों के बीच घिरे स्वास्थ्य विभाग में लाखों रुपये की फर्जी निकासी कर लिये जाने का मामला प्रकाश में आया है. स्वास्थ्य उपकेंद्र, मेहुस में तैनात पर्यवेक्षक तारकेश्वर प्रसाद गुप्ता की वेतन निकासी पर तत्काल रोक लगाते हुए सिविल सर्जन ने विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है.
सिविल सर्जन गोविंद प्रसाद तंबाकूवाला ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र, मेहुस में तैनाती की गयी थी. स्थानीय ग्रामीणों ने यह शिकायत की थी कि स्वास्थ्य पर्यवेक्षक कभी भी ड्यूटी पर तैनात नहीं रहते एवं पटना में रह कर अपना काम काज निपटाते है.
सिविल सर्जन ने बताया कि जब शिकायतों को लेकर औचक निरीक्षण किया गया तब वे ड्यूटी से अनुपस्थित पाये गये. साथ ही स्वास्थ्य पर्यवेक्षक ने आज तक विभाग का कोई काम नहीं किया, जबकि विभाग से मिलीभगत कर नियमित वेतन उठाते रहे. सिविल सर्जन ने प्रतिमाह लगभग 35 हजार रुपये की दर से पांच सालों तक फर्जी तरीके से वेतन निकासी में संबंधित लोगों पर भी कार्रवाई की जायेगी.
सिविल सर्जन के इस कार्रवाई को तानाशाही रवैया बताते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य पर्यवेक्षक तारकेश्वर प्रसाद गुप्ता नियमित रूप से अपने दायित्वों का निर्वहन करते है. उन्होंने सिविल सर्जन पर द्वेष पूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाया है.