नयी दिल्लीः हाइवे पर होनेवाली दुर्घटनाओं को देखते हुए अब देश के प्रत्येक हाइवे पर एंबुलेंस की अनिवार्य रूप से व्यवस्था होगी. हाइवे पर एबुंलेस और पेट्रोलिंग वाहन 24 घंटे उपलब्ध रहेंगे. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने इसके लिये ऐसे सभी वाहनों में जीपीएस के साथ व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वीटीएस ) इंस्टाल करने का फैसला किया है. इसके पीछे मुख्य कारण है कि एंबुलेंस और पेट्रोलिंग वाहनों पर लगातार निगाहें रखना है, ताकि हादसे के वक्त वे तुरंत मौके पर पहुंच सकें.
निजी क्षेत्र से करेंगे चर्चा
एनएचएआइ के चेयरमैन आरपी सिंह ने शनिवार को बताया कि इस आशय का एक सर्कुलर सभी मुख्य महाप्रबंधकों को भेजा है और उनसे इस बारे में निजी डेवलपरों से चर्चा करने का निर्देश दिया गया है. सर्कुलर में सिंह ने समझौते का हवाला देते हुए कहा है कि निजी डेवलपर 24 घंटें दुर्घटना पीड़ितों को एंबुलेंस और पेट्रोलिंग वाहन उपलब्ध कराने को बाध्य हैं.
कई शिकायतें मिलीं
एनएचएआइ के पास इस बारे में कई शिकायतें पहुंची हैं कि निजी डेवलपर दुर्घटना पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने के लिए इस तरह के वाहनों की व्यवस्था नहीं कर रहे हैं और न ही वे दुर्घटना के कारण हुए जाम खुलवाने में रुचि लेते हैं.
समय पर नहीं मिलती मदद
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा हाल में जारी की गयी ग्लोबल रोड सेफ्टी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में केवल 49 प्रतिशत गंभीर घायलों को ही समय पर अस्पताल पर पहुंचाया जा रहा है. जबकि आधे से ज्यादा घायल लोगों को समय पर मदद नहीं मिल पायी है, जिस कारण मौतों का आंकड़ा बढ़ जाता है.