लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण एवं नगर विकास मंत्री मोहम्मद आजम खां ने कहा है कि आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किये गये बेगुनाह युवकों की रिहाई के लिए प्रदेश सरकार औपचारिकता नहीं कर रही है, बल्कि उसके लिए पूरी तरह से गंभीर है.
उन्होंने कहा कि सरकार की पूरी नीयत है कि ये निर्दोष लोग जल्द से जल्द रिहा हों.आतंकवाद के मामलों में आरोपियों की रिहाई के लिए प्रदेश सरकार को फैसले पर उच्च न्यायालय द्वारा लगायी गयी रोक पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खां ने कहा कि सरकार अपने कदम पीछे नहीं खींचेगी और इन बेगुनाह लोगों की रिहाई के लिए अदालत में तत्परता एवं प्रभावी ढंग से अपना पक्ष रखेगी.
उन्होंने कहा कि अदालत में सरकार का पक्ष रखने पर कहां पर चूक हुई है इसकी जांच की जायेगी और प्रक्रियागत कमियों को दूर करते हुए पूरी ताकत से सरकार इस मसले पर अपना पक्ष अदालत में रखेगी.आजम खां ने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के आरोप में गिरफ्तार किये गये निर्दोष व्यक्तियों की रिहाई को लेकर प्रदेश सरकार का नजरिया व उसकी नीयत बिल्कुल साफ है कि आतंकी को फांसी की सजा मिलनी चाहिये, लेकिन सिर्फ राजनैतिक या दूसरी वजहों से जेल में बंद निदरेष युवकों को रिहाई अवश्य मिले.
उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों को सरकारी योजनाओं में बीस फीसदी आरक्षण देने के मामले में आजम ने साफ किया कि उनकी मंशा तो योजनाओं में 25 फीसदी लाभ अल्पसंख्यकों के लिऐ आरक्षित कराने की है. उत्तर प्रदेश में आरक्षण का लाभ देने में संवैधानिक अड़चन है तो ऐसे में इस तरह से लाभ देकर मुस्लिम समेत सभी अल्पसंख्यकों को फायदा पहुंचाया जायेगा. उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों के तर्ज पर अल्पसंख्यकों को आरक्षण दिलाने के मामले पर भी सरकार विचार कर रही है. गवाहों के मुकर जाने पर वरुण गांधी को बरी किये जाने के मसले पर खां ने कहा कि यह बहुत ही अफसोसजनक एवं शर्मनाक बात है.