पटना: समाज में बढ़ती बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती है. इसे दूर करने के लिए सरकार को आर्थिक नीति बना कर काम करने की जरूरत है. इसके लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की कमियों को दूर करते हुए गरीबी रेखा नहीं, बल्कि अमीरी रेखा तय करनी होगी.
ये बातें अर्थशास्त्री रोशन लाल अग्रवाल ने कहीं. वे गुरुवार को युवा आवास में आर्थिक न्याय आंदोलन की ओर से ‘गरीबी और बेरोजगारी का न्यायपूर्ण समाधान’ विषयक कार्यशाला में बोल रहे थे. उन्होंने देश में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताते हुए अमीरी रेखा तय कर उससे अधिक संपत्ति पर सारा टैक्स लगाने की बात कही.
औसत सीमा से अधिक पर लगे टैक्स : देश प्रेम अभियान के वैज्ञानिक कुमार राजीव ने कहा कि प्रत्येक नागरिक की औसत सीमा से अधिक मूल्य की संपत्ति पर ब्याज की दर से टैक्स लगा दिया जाना चाहिए. इससे होनेवाली आय ही देश की अतिरिक्त आय है. यह सभी लोगों की सामूहिक आय है. इसका वितरण सभी नागरिकों में समान रूप से होना चाहिए. यह देश के नागरिक का जन्म से मिलनेवाला अधिकार है. पर्यावरणविद डॉ मेहता नागेंद्र सिंह ने कहा कि देश के साधनों से मिलनेवाली आय का हिस्सा बनाना होगा. इसके लिए बिहार जैसे कृषि प्रधान राज्यों में युवाओं को जोड़ना होगा. मौके पर एलपीजी के महासचिव राघवेंद्र सिंह भी मौजूद थे.