पटना: उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि राज्य के अंदर जिलाधिकारियों की अनुमति के बगैर नॉन बैंकिंग कंपनियां या चिटफंड कंपनियां कारोबार करती हैं, तो उनके खिलाफ वरीय उपसमाहर्ता बैंकिंग कार्रवाई करें.
केंद्र सरकार ने इन कंपनियों के अवैध कारोबार को रोकने के लिए गाइडलाइन भेजा है. वित्त विभाग उसका अध्ययन करेगा तथा उसके अनुरूप बिहार जमाकर्ता हित संरक्षण अधिनियम 2002 में संशोधन किया जायेगा. बुधवार को वह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सभागार में राज्य के सभी जिलों के वरीय उप समाहर्ता बैंकिंग की बैठक को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि नन बैंकिंग कंपनियों द्वारा मल्टी लेवल मार्केट स्कीम के तहत रिटर्न का प्रलोभन देकर जनता से पैसा जमा कराती है. वह जमाकर्ताओं को सूचीवद्ध सदस्यता का प्रलोभन देकर और लोगों को सदस्य बनाने के लिए कहती है. केंद्र ने इससे संबंधित मनी सकरूलेशन अंडर दी प्राइज चिट्स एंड मनी सकरूलेशन स्कीम ( बैंकिंग) एक्ट 1978 की नियमावली को भेजते हुए सरकार से अनुरोध किया है कि राज्य सरकार इसके अधीन कार्रवाई करे. राज्य सरकार उसके प्रावधानों का अध्ययन कर रही है.
बैठक के दौरान किशनगंज के वरीय बैंकिंग उप समाहर्ता ने बताया कि शारदा ग्रुप कोलकाता ने किशनगंज में अपने 1200 एजेंटों के जरिये कई जमाकर्ताओं के साथ ठगी की है. ये सभी एजेंट सिलीगुड़ी कार्यालय से जुड़े हैं. कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. बैठक में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया व सेबी के अधिकारियों ने अवैध कारोबार करने वाली कंपनियों के खिलाफ होने वाली कानूनी प्रावधानों को जानकारी दी.