गोपालगंज : अब पहचान पत्र दिखाने के बाद ही यात्रियों को आरक्षित टिकट मिलेगा . दूसरे का टिकट लेने जाने पर भी अपना पहचान पत्र दिखाना होगा. आरक्षण टिकटों में दलालों की बढ़ती सेंधमारी को रोकने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने इसकी शुरुआत की बात कही है.
जल्द ही गोरखपुर जोन के स्टेशनों के पीआरएस पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम में यह व्यवस्था लागू हो जायेगी . रेलवे प्रशासन बुकिंग काउंटरों से तत्काल के अलावा अन्य आरक्षित टिकट लेने के लिए पहचान पत्र की अनिवार्यता पर जोर दे रहा है. इसके लिए आधिकारिक तौर पर मंथन जारी है. लगभग आम सहमति भी बन चुकी है.
सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही इस महत्वपूर्ण योजना को अमलीजामा पहना दिया जायेगा . रेलवे प्रशासन का मानना है कि इस व्यवस्था से एक से अधिक टिकट लेनेवालों की पहचान हो जायेगी. ऐसे में दलालों की सक्रियता पर कुछ हद तक अंकुश लगेगा . यात्री खुद अपना टिकट लेने पीआरएस पहुंचेंगे.
सूत्रों के अनुसार फिलहाल यह व्यवस्था प्रयोग के तौर पर पीआरएस के कुछ काउंटरों पर लागू कर दी जायेगी . बात दें कि तत्काल आरक्षित टिकट लेने के लिए यात्री को निर्धारित पहचान पत्रों में से किसी एक को प्रस्तुत करना होता है. इसके अलावा किसी भी आरक्षित टिकट पर यात्र करते समय यात्री को अपना पहचान पत्र लेकर चलना अनिवार्य होता है. टिकट निरीक्षक के मांगने पर पहचान पत्र दिखाना होता है.
पहचान पत्र की अनुपलब्धता पर यात्री बिना टिकट माने जाते हैं. यह नियम पिछले साल दिसंबर से ही लागू है . इस व्यवस्था के बद भी दलालों के चंगुल से आरक्षित टिकट पूरी तरह निकल नहीं पा रहा है. आलम यह है कि आज भी बुकिंग शुरू होने के कुछ मिनटों के बाद ही सारे टिकट बुक हो जा रहे हैं. यात्री परेशान हैं. खिड़कियों से उनके हाथ में सिर्फ वेटिंग टिकट ही आ रहा है, जबकि रेलवे बोर्ड ने एक मई से ही चार की जगह दो माह पहले ही आरक्षित टिकट उपलब्ध कराने की व्यवस्था कर दी है. यही नहीं पीआरएस पर 16 सीसीटीवी कैमरे भी लगाये गये हैं.
कप्तानगंज ,थावे , पडरौना , हथुआ ,गोपालगंज के अलावा अन्य काउंटरों पर भी कैमरे लगाये जाने की योजना है.
– नागेंद्र कुमार श्रीवास्तव –