लातेहार : बरकाकाना-बरवाडीह रेलखंड पर लातेहार व डेमू स्टेशन के बीच नावाडीह ग्राम के पास एक ट्रैक्टर पलामू एक्सप्रेस ट्रेन एवं एक मालगाड़ी की चपेट में आ गया. ट्रैक्टर तीन टुकड़ों में बंट गया. हालांकि ट्रैक्टर का चालक भागने में कामयाब रहा. घटना रविवार की रात्रि तकरीबन आठ बजे की है.
जानकारी के अनुसार लोहरदगा सीमांत से अनिल यादव का उक्त ट्रैक्टर (जेएच 19 ए-2718) अवैध लकड़ी लाद कर लातेहार की ओर आ रहा था. नावाडीह ग्राम के पास अनधिकृत रूप से बनायी गयी क्रासिंग से वह ट्रैक्टर पार कर रहा था. लेकिन ट्रैक्टर में अत्यधिक लोड होने के कारण ट्रैक्टर रेलवे लाइन में फंस गया. तकरीबन आधे घंटे तक चालक एवं आसपास के ग्रामीणों ने ट्रैक्टर को वहां से हटाने का प्रयास किया.
लेकिन ट्रैक्टर अपनी जगह से टस से मस नहीं हुई. इसी दौरान डाउन लाइन से एक मालगाड़ी आ गयी. मालगाड़ी आता देख कर ग्रामीण वहां से भाग खड़े हुए. मालगाड़ी ने ट्रैक्टर के इंजन में जोरदार टक्कर मारा. ट्रैक्टर दो हिस्सों में बंट गया.
इसी समय अप लाइन से बरकाकाना से पटना जाने वाली पलामू एक्सप्रेस आ गयी. पलामू एक्सप्रेस ने ट्रैक्टर के इंजन के पिछले हिस्से को धक्का मारा. इंजन का पिछला हिस्सा डाउन लाइन पर जा गिरा. फिर से ट्रैक्टर का इंजन मालगाड़ी से धक्का खा कर अप लाइन के पलामू एक्सप्रेस से टकराया. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह क्रम तब तक जारी रहा, जब तक दोनों ट्रेन वहां से गुजर नहीं गयी.
बड़ा हादसा टला : ग्रामीणों के अनुसार एक बहुत दुर्घटना टल गयी. जब ट्रैक्टर के इंजन के दोनों हिस्से मालगाड़ी व पलामू एक्सप्रेस से टकरा रहे थे, पूरा इलाका जोरदार आवाज से गूंज रहा था. ग्रामीण सांस थामे यह दृश्य देख रहे थे. लोगों का कहना है कि अगर पलामू एक्सप्रेस ट्रेन का एक भी डिब्बा पटरी से उतर जाता, तो एक बड़ी दुर्घटना घट सकती थी.
भयभीत हो गये सवारी : प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब ट्रैक्टर पलामू एक्सप्रेस ट्रेन से टकरा रहा था, तो उस पर के सवारी भयभीत हो गये थे. सवारियों को लग रहा था कि उग्रवादियों ने रेललाइन को क्षतिग्रस्त कर दिया है.
ट्रैक्टर से टकराने के बाद पलामू एक्सप्रेस ट्रेन जब लातेहार रेलवे स्टेशन पर रुकी, तो यात्री डिब्बा से नीचे उतर कर जानकारियां हासिल करने लगे और भगवान का शुक्रिया अदा करने लगे.
60 बल्ली लदी थी ट्रैक्टर पर : नावाडीह के रास्ते लोहरदगा सीमांत से लातेहार आ रहे ट्रैक्टर (जेएच-19ए-2718) पर अवैध लकड़ी लदी थी. ग्रामीणों के अनुसार इस पर तकरीबन 60 बल्लियां लोड थी. जिस कारण ट्रैक्टर का वजन काफी बढ़ गया था. जब ट्रैक्टर लाइन पार करने लगा, तो वह बिछाये गये मेटल में फंस गया. चालक समेत आसपास के ग्रामीणों ने इसे हटाने का भरसक प्रयास किया. तकरीबन आधे घंटे तक प्रयास करने के बाद भी ट्रैक्टर को हटाया नहीं जा सका. इसके बाद पहले मालगाड़ी एवं बाद में पलामू एक्सप्रेस की चपेट में वह ट्रैक्टर आ गया.
1999 में भी हुई थी दुर्घटना : ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 1999 में भी नावाडीह गांव के पास एक बड़ी रेल दुर्घटना हुई थी. ग्रामीणों ने बताया कि उक्त मालगाड़ी की रफ्तार काफी अधिक थी. लेकिन चालक रफ्तार पर नियंत्रण नहीं कर सका और नावाडीह के पास उक्त ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी थी. इस दुर्घटना में ट्रेन के 34 डिब्बे पटरी से उतर गये थे.