भागलपुर: सबौर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में गुरुवार को दवा जलाये जाने के मामले को डिप्टी डायरेक्टर डॉ सुधीर महतो ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने सिविल सजर्न को निर्देश दिया है कि तत्काल प्रभाव से भंडार पाल दिवाकर चौधरी को निलंबित करें. तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ संजीत कुमार सिन्हा व भंडार पाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी जाये व प्रभारी के खिलाफ प्रपत्र क गठित कर सरकार को कार्रवाई के लिए पत्र भेजा जाये.
श्री महतो ने कहा कि जिला मुख्यालय से दवा मरीजों को बांटने के लिए दी गयी थी, लेकिन उसे छिपा कर स्टोर में रख दिया गया था. जिन दवाओं को जलाया गया है उसमें एक्सपायर दवाइयां थी, उसे बांट देना चाहिए था. एक से सवा लाख की दवाई जलाने का अनुमान है. इन दवाओं की कीमत दोषियों से वसूलने की तैयारी विभाग कर रहा है.
आरडीडी ने सबौर पीएचसी के दवा स्टोर से लेकर जिला मुख्यालय के दवा स्टोर का निरीक्षण किया. जिला मुख्यालय के स्टोर में दवा के रख-रखाव को लेकर वे संतुष्ट दिखे, लेकिन पीएचसी में जिस तरह से दवाइयां रखी गयी थी, उस पर उन्होंने असंतोष जताया. सिविल सजर्न डॉ यूएस चौधरी ने कहा कि दवा मामले की जांच की गयी है. जो भी दोषी होंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. बारिश के कारण बहुत अधिक पता नहीं चल पाया. दो जगहों पर दवा जलाने के निशान मिले हैं. अभी जांच चल रही है, जांच के बाद कार्रवाई होगी.
ज्ञात हो कि वर्ष 2012-13 में जिला में पांच करोड़ तीन लाख 87 हजार 488 रुपये के दवा की खरीद की गयी थी.